“एक तरफ अपराध चरम सीमा पर है और पुलिस येन केन प्रक्ररेन उसमें भी सिर्फ काली कमाई ढूंढती है। हद तो तब हो जाती है कि लाख शिकायत के बाबजूद वरीय अधिकारी के कानों में भी जूं नहीं रेंगते और पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाने को विवश व हताश हो विफर पड़ता है……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। मामला नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना की है। बादराबाद पंचायत के रसुलपुर गांव निवासी मिथिलेश रविदास की पत्नी कमलेश्वरी देवी ने 15 जुलाई,18 को थाना में लिखित शिकायत दर्ज की थी कि उसकी 14 वर्षीया पुत्री चन्द्र सपनी कुमारी डीएन हाई स्कूल चम्हेड़ा रसलपुर में दशम् वर्ग में पढ़ती है और प्रति दिनकी भांति सुबह 5 बजे ट्यूशन पढ़ने घर से निकली, जो वापस नहीं लौटी।
संदेह और दावा है कि गांव के ही कृपाल कुमार सुमन के 19-20 वर्षीय पुत्र विश्वजीत कुमार उर्फ छोटू बहला फुसला कर शादी करने के नियत से कहीं ले भागा है, जिसमें कृपाल कुमार सुमन पिता स्व. जयपाल मोदी, विष्णुकांत कुमार उर्फ गब्बर की मिलीभगत है।
कमलेश्वरी देवी के इस लिखित शिकायत आवेदन के बाद भादवि की धारा-366 के तहत थाने में कांड संख्या-142/18 दर्ज की गई और हिलसा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कार्यालय द्वारा ज्ञापांक-3253 दिनांक-20.07.18 पर्यवेक्षण टिप्पणी दी गई, जिसके अनुसंधानकर्ता सअनि पारस प्रसाद हैं।
पर्यवेक्षणकर्ता वर्तमान डीएसपी मुतफिक अहमद ने अपने निष्कर्ष में लिखा है कि यह कांड वादिनी कमलेशवरी देवी के लिखित आवेदन के आधार पर 4 प्राथमिकी अभियुक्त विश्वजीत कुमार उर्फ छोटू, कृपाल कुमार, मीणा देवी एवं विष्णुकांत कुमार उर्फ गब्बर के विरुद्ध अपनी 14 वर्षीया पुत्री का अपहरण करने के आरोप में प्रतिवेदित कराया है।
डीएसपी ने आगे लिखा है कि घटनास्थल के निरीक्षण, वादिनी एवं साक्षियों के बयान के अवलोकन, अब तक के अनुसंधान एवं उनके पर्यवेक्षण से यह कांड धारा-366(ए) भादवि के अंतर्गत प्राथमिकी अभियुक्त विश्वजीत कुमार उर्फ छोटू, कृपाल कुमार सुमन, मीना देवी एवं विष्णुकांत कुमार उर्फ गब्बर के सत्य प्रतीत होता है और आरोप पत्र का प्रयाप्त साक्ष्य उपलब्ध है।
अतएव इस कांड में अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि….
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कांड में सत्य पाए गए प्राथमिकी अभियुक्त का नाम पता व उम्र का सत्यापन कर गिरफ्तार करें। फरार रहने की स्थिति में कुर्की जब्ती की कार्रवाई करें।
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इस कांड के तथाकथित अपहर्ता के बरामदगी हेतु हरसंभव प्रयास करें तथा बरामदगी के पश्चात धारा-144 के तहत माननीय न्यायालय में व्यान कराना सुनिश्चित करें।
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अन्य स्वतंत्र साक्षियों का बयान लेकर कांड दैनिकी में अंकित करें।
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दिये गए निर्देशों एवं अन्य अपेक्षित बिन्दुओं पर अनुसंधान पूर्ण करते हुए अद्दतन कांड दैनिकी समर्पित करें।
लेकिन एकंगरसराय थाना के सअनि पारस प्रसाद ने अब तक डीएसपी के निर्देशों का कोई पालन नहीं किया है, वहीं उल्टे पीड़ित पक्ष का ही भयादोहन करने पर तुला है।
लापता चन्द्र सपनी कुमारी के माता-पिता ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि उनकी बेटी के नामजद अपहर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर अनुसंधानकर्ता हमेशा पैसे वसूलता है औऱ नहीं देने की सूरत में जाति सूचक भद्दी-भद्दी गालियां देकर थाना से भगा देता है। एसआई कवंलजीत सरीखे नये थाना प्रभारी के आने के बाद पुलिस और अकड़ गई है।
बहरहाल, पीड़ित परिजनों ने इस मामले की शिकायत नालंदा एसपी, डीएम के साथ ही पुलिस महानिदेशक को भी भेजी है। अब देखना है कि उपर से कोई सुनवाई हो पाती है या फिर एक असहाय माता-पिता की आवाज नकारखाने की तूती बनी रहती है।