देखिए-सुनिए वीडियो…क्या कहती है काजल…
“थाना प्रभारी आरोप न बदलने और बात न मामने के अपमान को सहन न कर सका और एक नीरिह महिला को लात घूसों डंडों से थाने में ही जमकरपिटाई कर डाली…..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिले के आर.आई.टी थाना क्षेत्र की एक महिला नें थाना प्रभारी की बर्बरता की वो दासतां सुनाई है कि अप भी देखकर बस यही कहेंगे कि यह थानेदार है या कसाई।
इस तस्वीर को जरा गौर से देखिए। इस महिला का नाम काजल पांडेय है और यह आर.आई.टी थाना क्षेत्र में किराए की मकान में रहती है। महिला का कूसूर केवल इतना है कि इसने अपने भाई के साथ मारपीट मामले में आर.आई.टी थाना प्रभारी से कार्रवाई करने की फरियाद लेकर थाना पहुंची थी।
लेकिन शायद इस महिला को इस बात का कतई अंदाजा नहीं था कि थाना प्रभारी के अंदर क्रूर थानेदार छिपा बैठा है। भाई के उपर हमला करने के आरोपी के खिलाफ दर्ज शिकायत में थाना प्रभारी द्वारा आरोपी को पड़ोसी बताने का दबाव बनाया गया, जिसका इंकार करना महिला काजल पांडेय को इतना महंगा पड़ेगा वो सपने में भी नहीं सोच सकती है।
बकौल काजल पांडेय, जब थाना प्रभारी अंजनी कुमार उनकी पिटाई कर रहे थे , तभी उन्होंने जिले के पुलिस कप्तान यानि एसपी को फोन किया। अब नेटवर्क की समस्या रही हो या एसपी ने महिला की बातों को गंभीरता से नहीं लिया।
इससे थाना प्रभारी और आग-बबूला हो गया। फिर डंडे से पीटना शुरू कर दिया। अब इसके पीछे क्या खुन्नस रही होगी। यह तो थाना प्रभारी ही जानें। लेकिन यह अधिकार एक थाना प्रभारी को किसने दिया है कि एक फरियाद लगाने पहुंची महिला के साथ इस तरह की अमानवीय हरकत करे।
वहीं पीड़ित महिला ने दुबारा जिले के पुलिस अधीक्षक को फोन लगाया तो उन्होंने कहा कि आप जिले के एसपी के नाम लिखित शिकायत दर्ज करा दें।
अब जिले के एसपी 35 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय में रहते है, तो क्या महिला मार खाने के बाद 35 किलोमीटर जाकर शिकायत दर्ज कराए।
बहरहाल किसी तरह से महिला ने मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र का नंबर जुगाड़ किया और फिर वहां अपनी शिकायत दर्ज तो करा दी है, अब देखना यह है कि महिला को इंसाफ मिलता भी है, या नहीं।
वैसे इसी जिले में एक और घटना पिछले दिनों घटी है, जहां एक मुखिया ने एक पत्रकार पर अश्लील भाषा का प्रयोग और छेड़- छाड़ का मामला दर्ज करा एससी, एसटी सहित आधा दर्जन धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है। उसके खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है।
उस वक्त मामले पर जांच अधिकारी एसडीपीओ ने कहा था महिला है, और वो भी आदिवासी तो उनका पलड़ा भारी है, इसलिए महिलाओं का सम्मान करते हुए मामला दर्ज करना जरूरी है।
इम मामले में तो महिला पूरा प्रमाण दे रही है। ऐसे में जिला पुलिस कप्तान आरोपी थाना प्रभारी के साथ क्या इंसाफ करेंगे यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।
बहरहाल जिले के पुलिस कप्तान ने मामले के जांच का आदेश दे दिया है। वैसे एक ही जिले में दो तरह का कानून साफ देखा जा सकता है।
अंततः गजब बोले जिले के एसपी चंदन कुमार सिन्हा…