“जब लालू प्रसाद के घर पर डॉक्टरों की तैनाती थी, तब बीजेपी बहुत हड़कंप मचा रही थी, अब क्यूं चुप है? नीतीश कुमार स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लें। कौन सी बीमारी है ,जो डॉक्टर उनकी सेवा में हैं। स्वास्थ्य मंत्री बताएं, उन्हें क्या बीमारी है।”
पटना (संवाददाता)। अधिक दिन नहीं बीते हैं। महागठबंधन की सरकार में जब स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने अपने पिता एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के ईलाज हेतु डॉक्टरों की तैनाती की थी तो भाजपा ने मीडिया के जरिये तुफान खड़ा कर दिया था। उसमें सबसे आगे वर्तमान उप मुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री ही अधिक मुखर थे।
आज खबर है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के आवास पर 4 डॉक्टरों की तैनाती शिफ्ट में हुई है। इस बाबत स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि पूरे बिहार से उनके आवास पर लोग आ रहे थे, उनके इलाज के लिए डॉक्टरों को आवास पर तैनात किया गया।
सरकारी आवास पर डॉक्टरों की मनमानी नियुक्ति के मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे बेतुका तर्क तो देखिये। वे कहते हैं कि “डॉकटरों की नियुक्ति अस्थायी परामर्श केंद्र के तौर पर हुई थी। दूर-दराज के लोगों की मदद के लिए नियुक्ति की गई थी और 5 दिन पहले ही डॉक्टरों को आवास से हटा लिया गया। सरकारी आवास में मैं और मेरा परिवार नहीं रहता है” ।
ऐसे में लालू प्रसाद का सबाल उठाना लाजमि है कि ऐसी कौन सी बीमारी है जो पीएमसीएच के 4 सीनियर डॉक्टर उनकी सेवा में हैं।लालू प्रसाद का कहना है कि ऐसी कौन सी बीमारी है जो डॉक्टर उनकी सेवा में हैं। स्वास्थ्य मंत्री बताए उन्हें क्या बीमारी है। कुछ दिनों पहले तेजस्वी यादव पर भी ऐसा ही आरोप लगा था।