Home शिक्षा विकास की रोशनी से कोसो दूर नालंदा का मियाँ बिगहा गाँव

विकास की रोशनी से कोसो दूर नालंदा का मियाँ बिगहा गाँव

” देखा गया है कि जिस गाँव मे सारी सुविधा है सड़क है, स्कूल है ,सारी सुविधा है ,उसी गाँव को नेता या मंत्री गोद लेते हैं। जिस गाँव मे कोई सुविधा नही उसे गोद तो छोड़े कोई पूछता नही है। पर चुनाव के समय आता है तो बडे बडे वादे किये जाते है और जीतने के बाद नेता अपने वादे भूल जाते हैं। “

nalanda newsनालंदा (संवाददाता)। मुख्यमंत्री के गृह जिला नालन्दा मे  एक गाँव ऐसा भी जहाँ नही पहुची कोई सरकारी सुविधा। आजादी के 70 साल बाद भी आदिम युग में जीवन जीने को ग्रामीण विवश हैं ।

राजगीर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है मियां बिगहा गाँव, जो छविलापुर थाना क्षेत्र मे आता है। आज भी यहां के बच्चे और बडे करते हैं खुले मे शौच। गाँव मे कोई सरकारी विधालय नही रहने के कारण एक जर्जर मकान मे पढ़ने को विवश हैं देश के भविष्य।

ग्रामीण मो.अकबर और गाँव के सचिव नसर आलम ने बताया की यहाँ कुल आबादी 6 सौ है और वोट 490 है। चुनाव के समय सारे पार्टी के नेता आते हैं । यहा के जदयू विधायक श्रवण कुमार हैं  और वो हर बार चुनाव के समय आते हैं  तथा स्कुल के लिये नापी करा कर चुनाव मे वोट लेकर भूल जाते हैं।.

नसर और अकबर ने बताया की सरकारी स्कूल के लिये गाँव वाले जमीन भी देने को तैयार है ।फिर भी सरकार द्वारा यहा कोई ध्यान नही दिया गया है ।.गाँव आने के लिये ना तो सड़क है ना सही रास्ता।

मुखिया चुनाव मे भी चुनाव जीतने से पहले मुखिया मनीष ने बहुत बड़े बड़े बादे किये पर चुनाव जीत कर भूल गये । गाँव के कई लोग सड़क और सरकारी स्कूल के लिये जिला प्रशासन से लेकर विधायक तक गुहार लागा चुके हैं । हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिलता है और कुछ नही ।

मो. अकबर बताते हैं कि जिला प्रशासन के द्वारा गाँव को शौच मुक्त करने के लिए जोर शोर से अभियान चलाया जा रहा है ।लेकिन इस गाँव में कोई झांकने भी नही आता।

गाँव मे बच्चे को पढ़ाने बाले शिक्षक राजीव रंजन ने बताया कि इस गाँव मे बच्चे को पढ़ने की काफी जिज्ञासा है। अगर इनको सरकारी सहायता मिले तो ये बच्चे अपने राज्य ही नही देश का नाम रौशन करेगे।

उन्होंने बताया कि एक जर्जर भवन मे वो किस तरह बच्चों को पढ़ाते हैं डर भी लगा रहता है कि बरसात का मौसम है कही कोई बडी घटना न घट जाये ।

उन्होने बताया कि गाँव बाले स्कूल के लिये जमीन तक देने को तैयार है फिर भी ना सरकार से ना जिला प्रशासन से कोई मदद मिल रही है ।.गाँव के लोग कई बार आलाधिकारी से मिले पर अभी तक कोई फायदा नही हुआ ।

अकबर साहेब बताते हैं कि आज भी यहा लोग खुले मे शौच जाते है बच्चे जवान बूढ़ेे महिला सब खुले मे ही शौच करने जाते है ।.गाँव खुद अपनी दशा बयां करती है ।

गांव की सबसे बड़ी बिडम्बना है कि सीएम नीतीश जब भी राजगीर आते हैं तो गांव से राजगीर की रौशनी देखी जा सकती हैं । लेकिन यहाँ मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी आज भी है।

देखा गया है कि जिस गाँव मे सारी सुविधा है सड़क है, स्कूल है ,सारी सुविधा है ,उसी गाँव को नेता या मंत्री गोद लेते हैं। जिस गाँव मे कोई सुविधा नही उसे गोद तो छोड़े कोई पूछता नही है। पर चुनाव के समय आता है तो बडे बडे वादे किये जाते है और जीतने के बाद नेता अपने वादे भूल जाते हैं ।

आखिर कब तक मियाँ विगहा गाँव की बदहाली ग्रामीण के नसीब में हैं शायद इसका जबाब किसी के पास नही है।

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