श्रीमाली ने कहा कि रिटायर होने के बाद से ही वह विभाग में दौड़ लगा रहे हैं । दौड़ लगाते – लगाते उनके चप्पल घिस गए हैं। लेकिन अधिकारियों के मन नहीं पसीजा । उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2015 को वे सेवानिवृत्त हुए थे । तब से वह विभागीय सहायक अभियंता और कार्यपालक अभियंता के पास पेंशन स्वीकृति और बकाया राशि के भुगतान के लिए दौड़ लगा रहे हैं । लेकिन विभागीय अधिकारी उन्हें केवल दौड़ा रहे हैं। और आश्वासन का घूंट पिला रहे हैं ।
कार्यपालक अभियंता बिहारशरीफ को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा है कि उनके रिटायर होने के लगभग 2 साल पूरा हो रहे हैं । लेकिन अब तक उन्हें न तो पेंशन स्वीकृत हुआ है और न ही बकाया राशि का भुगतान किया गया है , जिसके कारण उनके परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है । वे मानसिक रूप से भी बहुत परेशान हैं । आर्थिक हालत खराब रहने के कारण उनके परिवार में कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है । इसकी सारी जिम्मेवारी लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल के सहायक अभियन्ता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल बिहारशरीफ के कार्यपालक अभियंता की होगी।
उन्होंने इस आवेदन की प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी ,नालंदा , अनुमंडल पदाधिकारी , राजगीर के अलावे गोप गुट महासंघ के जिला सचिव अनिल कुमार को भी दिया है ।
उन्होंने कहा कि जिला पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देने के बाद भी अब तक उनके पेंशन की स्वीकृति नहीं हो सकी है।
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