“पुलिस कहीं भी हो, लगता है कि वेतनादि से उसका पेट नहीं भरता है। पर्व-त्योहारों के मौकों पर तो वह कमाई के नये-नये गैरकानूनी तरीके अपनाने लगती है। शायद उसके सामने बीबी-बच्चों को खुश करने की जबाबदेही अधिक आ जाती है। लेकिन स्थिति तब और गंभीर दिखती है, जब वरीय अफसर भी सूचना मिलने के बाद जांच-कार्रवाई के बजाय पर्दा डालने में मशगुल हो जाते हैं, जिसमें उनकी भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है…..”
राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज/नीरज)। नालंदा जिला अवस्थित राजगीर रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में सिगरेट पीने पर जीआरपी थाना प्रभारी मो. अमीरउद्दीन खान ने पहले एक युवक को हाजत में बंद कर लाठी डंडे से जमकर पिटाई कर दी।
इसकी जानकारी लेने गए उसके दो दोस्तों को भी हाजत में बंद कर जमकर पिटाई की गई। घटना 14 अक्टूबर 2018 रविवार देर संध्या की है।
सार्वजनिक क्षेत्र में सिगरेट पीने पर 200 रू का फाइन किया जाता है। इस युवक से 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। तीनों छात्रों के पास 800 रू ही थी, जो वे देने को तैयार थे।
परन्तु प्रभारी 10 हजार से कम में मानने को तैयार नहीं हो रहे थे। अंत में बात रेल डीएसपी और रेलवे एसआरपी तक पहुची तो उन्के हस्तक्षेप से 200 रू का फाइन कर छोड़ा गया।
साथ ही जबरन एक सादे कागज पर लिखवाया गया कि उसे पुलिस से कोई शिकवा शिकायत नहीं है। उसे पूछताछ के लिए थाना लाया गया था। हम सकुशल वापसी अपने घर जा रहे हैं।
ये तीनों छात्र पश्चिम चंपारण से राजगीर परिभ्रमण पर आये थे। उसे सिगरेट पीने की सजा हाजत में बंद कर पिटाई के रुप में मिली। नतीजतन वे कभी भी राजगीर परिभ्रमण न आने की कान पकड़ ली है।
सबाल उठता है कि अगर कोई युवक रेलवे परिसर के बाहर सार्वजनिक क्षेत्र में धूम्रपान करने करता है या करने का प्रयास करता है तो उसके लिये दंड-जुर्माना का प्रावधान है।
लेकिन जीआरपी थाना के निकम्मों को यह कभी नहीं दिखता कि रेलवे परिसर में वैसे गुमटियां-होटल आदि कैसे खुले हैं, जहां सिगरेट बेची जाती है। यहां गांजा, शराब भी उपलब्ध होते हैं। शायद इनसे उनकी अलग से जेब गर्म होती है।