पटना ( वरीय संवाददाता)। ‘नालंदा जिला अवस्थित प्रसिद्ध राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को वहां के एसडीओ और डीएपी दो सप्ताह के भीतर अतिक्रमण मुक्त करवायेगें। इस कार्रवाई की मॉनिटरिंग नालंदा के डीएम और एसपी स्वंय करेगें’।
उक्त आदेश आज पटना में बिहार लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार पदाधिकारी सह पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने आज राजगीर के आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद की दायर शिकायत वाद की सुनवाई करने के बाद अपने अंतरिम आदेश में दिया है।
अपीलीय प्राधिकारी के अंतरिम आदेश में यह भी कहा गया है कि दो सप्ताह के भीतर 6 जुलाई के बाद सरकारी कार्य दिवस होगी और की गई कार्रवाई की पुष्टि पत्र प्राधिकार के समक्ष अगली सुनवाई तिथि को उपस्थित करेगें।
बिहार लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार पदाधिकारी सह पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के इस ऐतिहासिक फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये वादी पुरुषोतम प्रसाद ने कहा कि वे प्राधिकार के फैसले से काफी संतुष्ट हैं और वे प्राधिकारी आनंद किशोर सरीखे न्यायविद् को सैल्यूट करते हैं।
बता दें कि इसके पूर्व राजगीर के बिचली कुंआ निवासी पुरुषोतम प्रसाद द्वारा दायर वाद अनन्य संख्या 999990124121628208/1A के आलोक में सुनवाई करने के उपरांत हुये 12 जून, 2017 को बिहार लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार पदाधिकारी सह पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने अंतरिम आदेश में कहा था कि अनुमण्डल पदाधिकारी, राजगीर ने बताया कि मलमास मेला के दौरान प्रयोग में लायी जाने वाली सैरात भूमि की नापी कर ली गई है ।
बकौल राजगीर अनुमण्डल पदाधिकारी, नापी प्रतिवेदन के अनुसार लगभग 32 एकड़ में सरकारी भवन है तथा लगभग 3 एकड़ भूमि में कुल 33 निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है । उक्त नापी प्रतिवेदन के आलोक में अंचल अधिकारी, राजगीर द्वारा अतिक्रमण वाद प्रारंभ कर दिया गया है ।