” यूजीसी के अनुसार हर चालीस बच्चों पर एक शिक्षक होना आवश्यक है,लेकिन रांची यूनिवर्सिटी में 100 छात्रों में भी एक शिक्षक उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम है। कैसे हो पायेगा क़्वालिटी एजुकेशन। रांची यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों में लगभग एक लाख तीस हजार के आसपास छात्र के मद्देनजर मात्र 850 शिक्षक ही उपलब्ध हैं” ।
रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के छात्रों का कहना है कि कॉलेजों में शिक्षक की कमी ने छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। राजधानी रांची के ही कई कॉलेजों में हालत बदतर है। रांची से बाहर की स्थिति की तो बात ही अलग है आये दिन शिक्षक रिटायर कर रहे हैं और नए शिक्षक की बहाली नही हो रही है। ऐसे में कॉलेजों में पठन–पाठन पर इसका असर देखने को मिल रहा है
रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम इकबाल तिवारी इसके लिए सरकार और कॉलेज प्रशासन को इसके लिए दोषी मानते हैं।
तिवारी का कहना है कि यूजीसी के अनुसार हर चालीस बच्चों पर एक शिक्षक होना आवश्यक है,लेकिन रांची यूनिवर्सिटी में 100 छात्रों में भी एक शिक्षक उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम है। कैसे हो पायेगा क़्वालिटी एजुकेशन। रांची यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों में लगभग एक लाख तीस हजार के आसपास छात्र के मद्देनजर मात्र 850 शिक्षक ही उपलब्ध हैं।
वहीं रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति रमेश पांडेय ने मामले पर जल्द कार्रवाई करने की बात कही। .कुलपति ने बताया की शिक्षक बहाली की संचिका बढ़ाई गई है। जेपीएससी के माध्यम से जल्द ही शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया की जाएगी।
बहरहाल, छात्रों के भविष्य गढ़ने वाले इन कॉलेजों में शिक्षक की कमी ने गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर ग्रहण लगा दिया है। सरकार और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही का खामियाज़ा कहीं न कही इन छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
रांची विश्वविद्यालय में शिक्षक और छात्रों की स्थिति पर एक नज़र….
कॉलेज का नाम शिक्षक/छात्र दर
- जे एन कॉलेज धुर्वा 5000/37
2. राम लखन यादव कॉलेज 8000/34
3. एस एस मेमोरियल कांके 5000/54
4. डोरंडा कॉलेज डोरंडा 18000/75
5. रांची कॉलेज रांची 20000/91
6. के ओ कॉलेज गुमला 8000/23
7. रांची वीमेंस कॉलेज 6000/98
8. माण्डर कॉलेज 6000/35
9. बिरसा कॉलेज खूंटी 5000/22
10. पी पी के कॉलेज बुंडू 12000/28