गिरियक, नालन्दा (निसार अंसारी)। संसार में कर्म की प्रधानता है। मानव को फल की अपेक्षा किये बिना निरंतर कार्य करते रहना चाहिये। सतत कर्म से संसार ही नहीं बल्कि परमात्मा भी प्रसन्न होते हैं।
उक्त बातें पुरैनी गांव में चल रहे श्री सीतराम यज्ञ के दौरान मंगलवार को श्री झुंझुनिया बाबा के मुख्य मंदिर अयोध्या शिया राम किला किला से आये प्रभंजना नन्द शरण महाराज सिद्धपीठ ने अपने प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि कर्म के माध्यम से किसी को दुःख पहुंचाना ही पाप है और किसी का हित या परोपकार करना ही पुण्य है। उन्होंने कहा कि मनुषय को दूसरों के प्रति कोई ऐसा व्यवहार न करें जो स्वयं के लिए पसंद न हो। तन से देश, परिवार समाज की सेवा करना चाहिए और मन को परमात्मा के चरणों मे लगाना चाहिए क्योंकि मन ही बन्धन और मौछ का कारण है। मन को संसार मे लगाने से बंधन और परमात्मा में लगाने से मुक्ति होती है।
महाराज ने कहा कि सुख का छन चाहे कितना ही छोटा क्यों न हो उसे बड़ा मानकर प्रसन्न रहें और दुःख चाहे कितना ही बड़ा हो उसे छोटा मानकर सम्भाव में स्थित रहना चाहिए।
उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि क्रोध पतन का कारण बनता है। क्रोध के स्थिति में मनुष्य को कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। अहंकारी मनुष्य दुख भोगता है और विनम्र व्यक्ति जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करता है।
महाराज ने बताया कि श्री राम चरित्र मानस का संगीत का कार्यक्रम भी चल रहा है । मंगलवार से 24 घण्टे का अखण्ड में श्री सीता राम नाम कृतं चल रहा है। श्री सीता राम यज्ञ बुधवार को सम्पन्न हो जाएगा। इस यज्ञ में अयोध्या का भी से पधारे ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हवन और आहूतियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में राशलीला जिसका समापन बुधवार को होगा।
इस प्रवचन में क्षेत्र के लोगों के साथ साथ काफी दूरदराज के महिला, पुरुष व बच्चे और अथिति पहुंचे। कथा सुनने में मुख्य रूप से प्रमुख राम शरण प्रसाद सिंह, पूर्व मुखिया सदन प्रसाद सिंह, पैक्स अध्यक्ष विजय कुमार , अरुण कुमार, चन्द्र मौली सिंह, अजय सिंह, ब्रह्मदेव यादव, अमरजीत कुमार, पैक्स अध्यक्षय अरविंद कुमार, संतोष कुमार, बिनोद सिंह सहित अनेकों लोग मौजूद थे।