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    Monday, December 23, 2024
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      भष्ट है गौरॉर मुखिया, गरीब-असहायों से यूं डकारता है बड़ी कमीशन

      सीएम नीतीश कुमार उर्फ  सुशासन बाबू के गृह जिले  नालंदा का प्रशासन ऐसे भ्रष्ट मुखिया पर कोई कार्रवाई करने में सक्षम हो पाता है या नहीं…

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (राजीव रंजन)।  बिहार में सुशासन की सरकार है। पंचायत के प्रतिनिधियों को निरंतर गरीब एवं असहाय जनता के बीच विकास के लिए भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने की हिदायत दी जाती है। मगर मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा की गरीब जनता को अपना आशियाना बनाने के पहले ही सरकारी राशि का कमीशन यहां का मुखिया डकार जाता है।goraurmukhiya cruption goraur mukhiya cruption 2 goraur mukhiya cruption 1

      कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जिले के राजगीर प्रखंड स्थित गौरॉर पंचायत के गरीब एवं असहाय जनता का, जिनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना आवंटित हुई है और यहां के मुखिया संतोष कुमार दिवाकर इनके आशियाना बनने से पहले ही कमीशन लेकर हजम कर गया।

      इस पंचायत के मुखिया का हद तो यह कि यहां के गरीब एवं असहायों को भी नहीं बकस रहा है। पंचायत के रटना गांव निवासी करीब 70 वर्षीय सीता देवी ने बताया कि हमारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कॉलोनी निकला है और तीन किस्त करके 50000 रुपये बैंक से निकाला, जिसमें 15000 रुपया मुखिया संतोष दिवाकर ले लिया। उसे बताया गया कि यह ऑफिस खर्चा है और तुम्हें पैरवी करके जो दिलाए हैं, उसका यह कमीशन होता है।

      मनका देवी भी आरोप है कि इनके नाम से ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवाज बनाने की राशि आई और तीन किश्तों में 50000 रुपये की निकासी की गई, जिसमें 15000 रुपये मुखिया गटक गया।

      वह बताती हैं कि बैंक में जब पैसा निकलता है तो बगल में खड़ा मुखिया पैसा ले लेता है और कहता है कि हम पैरवी किए हैं, तब निकला है। यह सब ऑफिस खर्चा है।

      गुड़िया देवी एवं कमलेश रविदास की भी यही हालात है। इन्होंने बताया कहा कि उनके व उनकी मां के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आया। तीन किश्तों में 50000 रुपये निकाला, जिसमें मुखिया ने 15000-15000 रुपये मुखिया ने जबरदस्ती ले लिये, जबकि इस 15000 रुपये में दो ट्रैक्टर ईंटा हो जाता। अब मकान कहां से बनेगा।

      इतना ही नहीं गोरॉर मुखिया के काले कारनामे का आलम है कि वह गरीबों से खाता खुलाने के नाम पर 1500 सौ से 2000 रुपये वसूले और 0 बैलेंस का खाता खुलवाकर उसी मे प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि मंगवा दी गई और 2000 अगल से चट कर गया।

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