Home गांव-देहात बीपीओ की एक तमाचा ने खोल दी मनरेगा की पोल !

बीपीओ की एक तमाचा ने खोल दी मनरेगा की पोल !

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रांची (मुकेश भारतीय)। ओरमांझी बीपीओ द्वारा ग्राम रोजगार सेवक की की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।  शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय का माहौल काफी गरम रहा।

पीड़ित रोजगार सेवक की पत्नी अचानक कुछ महिलाओं के साथ कार्यालय आ धमकी और बीपीओ से अपने पति को चांटा मारने का कारण पुछने लगी।

बीपीओ का कहना था कि रोजगार सेवक ने उसके साथ बदसलूकी की है। हालांकि बदसलूकी के स्वरुप के बारे वह कुछ न बता सकी और ग्रामीणों द्वारा कार्यालय में घुस कर गाली गलौज की शिकायत बीडीओ के मोबाईल पर कर दी।

उसके बाद कुछ ही पल में बीडीओ पहुंचे और आक्रोशित महिलाओं को कार्यालय से बाहर निकाला तथा पीड़ित रोगगार सेवक की लिखित शिकायत लेकर मामले को शांत कराया।

दरअसल बीपीओ द्वारा रोजगार सेवक को चांटा मारने के पीछे मनरेगा की भ्रष्ट व्यवस्था है, जोकि मौखिक आदेश पर दौड़ती है और जब जांच होती है तो सब अपना दामन साफ बताने के लिए अधिनस्थ लोगों पर टूट पड़ते हैं।

पिछले दिन एडीएम पूनम झा ने औचक निरीक्षण के दौरान ओरमांझी प्रखंड में मनरेगा के कार्यों में भारी अनियमियता पकड़ी। एडीएम ने योजना में कोई गड़बड़ी न होने के दावा करने वाले बीडीओ की क्लास ली।

बीडीओ ने सारी अनियमियता बीपीओ पर उड़ेल डाली। फिर क्या था बीपीओ अपना आपा खो दी और चंडी बन कर ग्राम रोजगार सेवक पर टूट पड़ी। यहां पर पूरे प्रकरण का मुख्य किरदार बीडीओ को माना जा सकता है।

क्योंकि जिस तरह की सूचनाएं मिली है, उससे साफ जाहिर होता है कि यहां कोई खेल उनकी जानकारी के बगैर संभव नहीं है। पीसी यानि कमीशन सबका बंधा हुआ है।

एडीएम को शिकायत मिली थी कि यहां मनरेगा में राशि की खूब हेरफेर की जाती है। ग्राम पंचायत कुटे में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान से मसीउद्दीन अंसारी के घर होते हुए तौफिक अंसारी के घर तक ब्रिक्स खरंजा पथ निर्माण योजना में प्राक्ल्लन राशि 2,17,500 रुपये, जिसमें 1,45000 रुपये सामग्री मद एवं 72,500 रुपये मजदूरी राशि स्वीकृत थी लेकिन प्राक्कलन राशि से 2,20,000 रुपये का भुगतान कर दिया गया। जो कि प्राक्कलन राशि से 75,000 रुपये अधिक है।

इसके बाद बीडीओ ने बीपीओ विद्या मुंडा, पंचायत सेवक सामुएल नाग और ग्राम रोजगार सेवक तौहिद आलम के नाम 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण एवं राशि वसुल नहीं होने सुरत में प्राथमिकी दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया गया।

इस फरमान के जारी होने बाद बीपीओ ने सारी जबाबदेही ग्राम सेवक को लेने को कहा। रोजगार सेवक ने बीडीओ के सामने स्पष्ट कर दिया कि उसने बीपीओ के मौखिक आदेश पर सामग्री मद की राशि मजदूरी में खर्च कर डाले।

इस शिकायत के बाद बीपीओ आगबबुला हो गई और रोजगार सेवक के साथ गालीगलौज करते हुए उसे चांटा जड़ दिया। इस घटना की बीडीओ ने तत्काल कोई सुध न ली तो पीड़ित ने प्रखंड प्रमुख को लिखित शिकायत कर डाली।

पहले गलत करवाई, फिर चांटा मारी

“ ईरबा के पहले मैं कुटे पंचायत में कार्यरत था। मुझे 10 माह से वेतन नहीं मिला है। बीपीओ मैडम के निर्देश पर सामग्री मद राशि की अधिक निकासी हुई। वहां काम लगभग पूरा हो चुका है। कुल 600 सौ फुट लंबी सड़क में करीब 50-60 फीट कार्य शेष है।  मनरेगा मजदूरों को राशि का भुगतान बीपीओ के कहने पर ही किया गया है। वह पीसी (कमीशन) लेती थी और वाउचर पर दवाब डाल कर हस्ताक्षर करा लेती थी। इंकार  करने पर वह घर तक पहुंच जाती थी। इन सबकी जानकारी बीडीओ साहब को भी पहले से ही है। यहां अन्य कर्मी भी मौखिक आदेश से ही काम करते आ रहे हैं। ….. तौहिद आलम, ग्राम रोजगार सेवक तौहिद आलम

मेरे पति आत्महत्या करने पर उतारु थे

कल शाम को जब मेरे पति घर वापस लौटे तो काफी परेशान नजर आये। पुछने पर बताया कि अब जीने की ईच्छा नहीं है। आखिर ऐसा कौन सा गलत काम किया कि एक औरत मुझे चांटा मारे। काफी समझाने-बुझाने एवं बच्चों का वास्ता देने पर बताया कि मैडम ने चांटा मारा है। मैडम मेरे घर हमेशा आती थी पैसा लेने। पुछने पर बताते थे कि वह अपना हिस्सा लेने आती है। आज मैं बीपीओ कार्यालय में मैडम से यह पुछने आई हूं कि जब इतना अच्छा संबंध रहा तो मेरे पति को चांटा क्यों मारी। मैडम वदतमीजी की बात करती है लेकिन यह नहीं बताती कि कैसी वदतमीजी। खुद दुर्व्यवहार की और झूठी बात बोल कर बीडीओ को बुला ली। अगर न्याय नहीं मिला तो सीएम तक दरवाजा खटखटाऊंगी।”…. रेशमा परवीन, ग्राम रोजगार सेवक की पत्नी एवं संचालक महिला शक्ति समिति।

कार्य संस्कृति में सुधार लाएं अफसरः

यहां अधिकारियों में कार्य संस्कृति का घोर अभाव है। बीपीओ ने जो कुछ भी किया, वह अशोभनीय है। अगर ऐसे लोग अपने व्यवहार में सुधार लाए अन्यथा अपना बोरिया बिस्तर समेटने को तैयार रहें। हमारे रहते लुट की खुली छूट किसी को मिलने वाली नहीं है। चाहे वह कितना भी पावरफुल अधिकारी और  कर्मचारी क्यों न हो। ” ……शिवचरण करमाली, प्रखंड प्रमुख, ओरमांझी। 

वह मीडियाबाजी कर रहा हैः

“ सब सिर्फ आरोप है। ऑफिस में कोई किसी को चांटा कर देगा। अगर किया तो निशान कहां है। उसने अपने पंचायत में सही ढंग से काम नहीं किया है। कारण पृछा होने पर कह रहा है कि उसने सब काम पूरा कर लिया है। उसे 10 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। सब आरोप मुझ पर लगा रहा है। वह कुछ नहीं, सिर्फ मीडियाबाजी कर रहा है। ” … विद्या मुंडा, बीपीओ, ओरमांझी

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