Home आस-पड़ोस बिहारशरीफ नगर में कहर बरपा रहा है कुख्यात बौआ गिरोह!

बिहारशरीफ नगर में कहर बरपा रहा है कुख्यात बौआ गिरोह!

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“बौआ गिरोह को नेस्तनाबूद करने में जिला व पुलिस प्रशासन भी फेल रहा है। ऐसे में अब आम लोगों का विश्वास पुलिस प्रशासन से उठता दिख रहा है…..”

biharsarif criminalबिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहारशरीफ नगर एवं इसके आसपास के इलाकों में कुख्यात बौआ का गिरोह आम लोगों पर कहर बरपा रहा है। कई नेता, व्यवसायी व बिल्डर भी बौआ के निशाने पर है।

थानों की पुलिस फाइलों को खंगालें तो 12 से 18 आपराधिक मामलों में बौआ मुख्य अभियुक्त रहा है। शराब व हथियार की तस्करी, जमीन कब्जा एवं विधि व्यवस्था को सरेआम बिगाड़ने में बौआ का कोई सानी नहीं है।

सरेआम आम लोगों को राह चलते उठा लेना, किसी मोहल्ले को अंधाधुंध फायरिंग से दहला देना व किसी की बहन बेटी को उठा लेना बौआ गिरोह के लिए आम बात है। इधर, लोकसभा चुनाव में बामुश्किल डेढ़ माह रह गये हैं।

12 से 18 आपराधिक मामले है दर्ज : सूत्रों के अनुसार अभय कुमार उर्फ बौआ लहेरी थाना से बामुश्किल 1000 फुट के दायरे में सोहन कुआं में रहता है। तकरीबन तीन वर्ष पहले इसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था।

शुरूआत में बौआ छोटे मोटे हाथ मार लेता था। इसलिए इसे काफी कम लोग जानते व पहचानते थे। लेकिन हथियार व शराब तस्करी विशेषकर जमीन कब्जा मामले में इसकी संलिप्तता बढ़ जाने से इसका नाम कुख्यात हो गया।

फिर बौआ ने गिरोह बना लिया और संगठित अपराध को अंजाम देने लगा।

वर्तमान में 12 से 18 आपराधिक मामले बौआ पर दर्ज है। बौआ गिरोह का हाथ शराब व हथियार तस्करी, अंधाधुंध फायरिंग, जमीन कब्जा, मारपीट, लूट व छिनतई जैसे पांच दर्जन से भी अप्रिय घटनाओं में रहा है।

एक कॉल पर ही पहुंचते हैं दर्जनों बदमाश : सूत्र बताते हैं कि बौआ गिरोह का कारवां दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बौआ के महज एक कॉल पर ही बाइक सवार दर्जनों बदमाश हरवे हथियार से लैस होकर मिनटों में ही पहुंच जाते हैं।

गिरोह के अधिकांश बदमाश पिस्टल व कारतूस से लैस होते हैं। ऐसे में सूचना मिलने पर पुलिस के हाथ भी ऐन मौके पर कार्रवाई करने से कांप जाते हैं। इसलिए कई मामलों में इस गिरोह के पीड़ित लोग थाना को शिकायत नहीं कर पाते हैं।

बौआ की प्रतिमाह है 8 से 10 लाख की आमदनी : सूत्रों के अनुसार अपराध के इस धंधे से बौआ की शुद्व आमदनी एक माह में 8 से 10 लाख रूपये के आसपास है। शुद्ध आमदनी का एक बड़ा हिस्सा बौआ अपने गिरोह के बदमाशों पर खर्च कर देता है। इसलिए गिरोह के सदस्य बौआ के लिए मर मिटने को तैयार होते हैं।

यही वजह है कि बौआ के एक कॉल पर ही मिनटों में 150 से 200 बदमाश बाइक पर हरवे हथियार से लैस होकर पहुंच जाते हैं। तत्पश्चात, आपराधिक घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।

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