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बिहारशरीफ ‘कोचिंग टीचर पिटाई’ मामले में एक बड़ा सच आया सामने, लापरवाह है पुलिस, देखिए वीडियो

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“नालंदा पुलिस आराम तलब है। लापरवाह है। कहानियां गढ़ने में माहिर है। उसकी सारी काबलियत सच को झूठ और झूठ को सच साबित करने तक ही सीमित है। उसकी मंशा किसी को भी फंसाने और किसी को भी बचाने की साफ झलकती है। बिहार थाना क्षेत्र में घटी बहुचर्चित ‘कोचिंग टीचर की पिटाई’ मामले में भी इससे इतर कुछ होता नहीं दिखा और न ही दिख रहा है…..”

बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। विगत 4 मई को बिहार थाना में एक कोचिंग संचालक के साथ मारपीट, रंगदारी और छिनतई का केस हुआ था। इसके वारदात के कुछ परिचित युवकों को नामजद करते हुए यह आरोप लगाया गया था कि फीस न देने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया था।bihar thana cruption 4 1

तब स्थानीय मीडिया की सुर्खियों में भी यह साफ तौर पर बताया गया कि शिक्षक से लगातार कुछ दबंग लडको के द्वारा फ्री में पढ़ाने और रंगदारी की मांग कर रहे थे। नहीं देने पर हरवे-हथियार से लैस उदंड छात्रों ने गढ़ पर स्थित एक कोचिंग के शिक्षक सन्नी कुमार की  बेरहमी से पिटाई कर दी।

कहा यह भी गया कि यह वारदात बिहार शरीफ कोर्ट और थाना से महज से 50 मीटर की दूरी पर 15 मीनट तक होती रही, लेकिन बीच बचाव करने न पुलिस पहुंची और न ही इसमें आम आदमी बचाव करने आया। रही है।

वेशक अब तक शिक्षकों के द्वारा छात्र की बेरहमी से पिटाई की खबर सुनने को मिलती रही थी, छात्रों के द्वारा अपने गुरु की बेरहमी से बीच सड़क पर पिटाई हैरान करने वाली थी।

पुलिस ने भी इस मामले को लेकर गंभीरता से लिया। आरोपियों की धर-पकड़ से लेकर छात्रों का शोषण करने में माहिर कोचिंग संचालकों की बैठक कर कई आश्वासन भी दिये।

इधर एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के पास उस वारदात से जुड़े पुलिस शिकायत की प्रति और कुछ वीडियो उपलब्ध हुए हैं, जो काफी हैरान करने वाले हैं और पुलिस की कार्यशैली और घटना के कारणों पर अनेक सवाल उठाते हैं।

छात्रों की मारपीट में घायल 25 वर्षीय सन्नी कुमार, जो न्यू एरिया, नवादा नगर थाना, नवादा जिला का मूल निवासी है और वर्तमान में बिहार शरीफ के गढ़ पर अवस्थित प्रोफेसर कॉलोनी में एक किराए के मकान में रहता है, उसने 4 मई की रात करीब 9 बजे पुलिस को दिए वयान में कहा कि विगत 4 मई की सुबह करीव 7 बजे जब वह अपने कोचिंग के लिए जैसे ही निकला कि कॉलेजिएट स्कूल गेट के सामने पूर्व से घात लगाए 15-20 लड़के लाठी, डंडा, हॉकी स्टीक, पैड, विकेट एवं लोहे के रड लैस होकर घात लगाकर बैठा हुआ था।

पुलिस को दिए वयान में सन्नी के अनुसार उसे देखते ही सारे लड़के पीटने लगे। जिससे घायल होकर वह सड़क पर गिर गया। इसके बाद जब उसे होश आया तो वह डेरा की ओर भागने लगा तो सभी लड़के खदेड़ते हुए डेरा तक आ गए। इसी बीच उसके बचाओ-बचाओ की शोर सुनकर उसका ममेरा भाई प्रशांत कुमार डेरा से बाहर निकला। इसके बाद सारे लड़के भाग गए।

सन्नी के अनुसार भागने के क्रम में सभी हमलावर लड़के कह रहे थे कि यादव छात्रावास और पतुआना छात्रावास के लड़कों को फ्री में पढ़ाना होगा, नहीं तो जान से मार देंगे। मारने वालों में 4 लड़कों को वह नाम-पता से पहचानता भी है और देखने पर सभी लड़कों को पहचान सकता है।

सन्नी ने अपने बयान में यह भी लिखा है कि हमलावर लड़कों ने उसके गले से एक भर सोने की चेन, उंगली से सोने की अंगूठी और वरासलेट छिन लिया। उसका ईलाज जेपी अस्पताल कमरुद्दीनगंज में हुआ।

अब एक्सपर्ट मीडया न्यूज नेटवर्क के पास विश्वस्त सूत्रों द्वारा उस वारदात को लेकर जिस तरह के जानकारी और प्रमाण प्राप्त हुए हैं, वे घटना और पुलिस की जांच की प्रकृति काफी संदिग्ध बनाती है।

सन्नी ने हमलावर लड़कों द्वारा सोने की चेन, उंगली से सोने की अंगूठी और वरासलेट छिन लेने की बात कही गई है। लेकिन जब उसे घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया तो वहां ईलाज के दौरान उसके गले में चेन और उंगली में अंगूठी सही सलामत थे। फीस, रंगदारी और छीनतई के कारण मारपीट किए जाने के कारण भी संदिग्ध है। जिसे पुलिस नजरअंदाज कर खाउ-कमाउ कार्रवाई पर तुल गई। 

बहरहाल, बिहार थाना पुलिस इस पूरे मामले की सही से पड़ताल करने की वजाय कई निर्दोष युवकों को फंसाने की मुहिम में शामिल प्रतीत हो रही है। इस संबध में बिहार थानाध्यक्ष के अनुसार भी बिना फीस दिए पढ़ने की मंशा से हमलावर लड़कों ने वारदात को अंजाम दी है। आगे उनके पास कोई जबाव नहीं है।

देखिए वीडियो….बहुत कुछ वयां करती है यह……   

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