“एक तरफ जहां नालंदा जिले में ओडीएफ के तहत शौचालय निर्माण पूर्ण होने के बाबजूद लाभार्थियों को सरकारी प्रोत्साहन राशि न मिलने की आम शिकायत है, दूसरी तरफ ऐसे मामले भी खूब सामने आ रहे हैं, जिसमें बिना शौचालय निर्माण के विभागीय सांठगांठ से पूर्ण राशि का भूगतान कर पंचायत प्रतिनिधियों-बिचौलियों द्वारा हड़पा जा रहा है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नगरनौसा प्रखंड-पंचायत के वार्ड-11 अंतर्गत बड़ी मस्जिद मुहल्ला निवासी भगवान चौधरी की पत्नी सुन्दरी देवी के नाम कोई शौचालय निर्माण कार्य नहीं हुआ है। करीब एक साल पहले उससे आवेदन के नाम पर बिचौलियों ने कुछ कागजात पर हस्ताक्षर ले लिये।
हाल ही में जब सुन्दरी देवी अपना पंजाब नेशनल बैंक एकाउंट अपडेट कराई तो उसे देख दंग रह गई। उसके खाते में स्वच्छ भारत से 12,000 रुपये जमा तो हुये, लेकिन वह राशि उप प्रमुख सुनीता देवी के पति स्वार्थ पासवान के खाते में स्थानान्तरित कर दी गई है।
इसके बाद जब सुन्दरी देवी ने उप प्रमुख पति से मिली और सरकार द्वारा प्रदत शौचालय निर्माण की राशि की मांग की तो उसने खाते में पैसे आने की बात स्वीकार की, लेकिन राशि खर्च होने का बहाना बना बाद में देने की बात करने लगा।
इधर करीब 6 माह से सुन्दरी देवी रोज उपप्रमुख पति के घर तकादा कर रही है और ‘अभी पैसे नहीं है, जब होंगे, तब दे देगें’ की घूंटी लेकर निराश वापस लौट रही है।
इस संबंध में जब नगरनौसा बीडीओ अरविंद कुमार सिंह के सरकारी मोबाईल पर संपर्क साधा गया तो सीओ कुमार विमल प्रकाश से पता चला कि बीडीओ अवकाश पर हैं और खुद सीओ पटना में सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में हैं।
बहरहाल, ओडीएफ के तहत शौचालय निर्माण और सरकारी प्रोत्साहन राशि का भुगतान प्रक्रिया की अलग पारदर्शी व्यवस्था है। उससे इतर बिना कार्य के भुगतान होना और लाभार्थी के खाते से बिना उसकी जानकारी के किसी बिचौलिये के खाते में सारी राशि एकमुश्त स्थानांतरित हो जाना एक ऐसे लूट-तंत्र को स्पष्ट करती है, जिसमें विभागीय कर्मी के साथ बैंक की मिलीभगत भी साफ उजागर होती है।