“इस जैविक उद्यान में आने वाले पर्यटक व पक्षियों की देखभाल करने वाले कर्मियों को भी संक्रमण का खतरा पैदा हो गया। स्थिति पर निगाह रखी जा रही है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। रांची जिले के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में हुई सात पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है। जिन पक्षियों की मौत हुई है, उनमें गरुड़ और उल्लू भी शामिल हैं।
जांच रिपोर्ट में पता चला है कि इन पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू एच5 एन1 वायरस के कारण हुई। करीब 20 दिन पहले उद्यान में इन पक्षियों की मौत हुई।
जांच में इन पक्षियों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मच गया है। खतरे को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम भगवान बिरसा जैविक उद्यान चकला और सीएचसी डुंडे पहुंची और निरीक्षण कर उद्यान प्रबंधन को कई कड़े निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान भगवान बिरसा जैविक उद्यान के सभी पशुपालकों को पशु-पक्षियों की देखरेख और साफ-सफाई की जानकारी ली। निरीक्षण टीम में निदेशक पीआरओएफ एआइआइएच एंड पीएच डॉ. मधुमिता, डॉ. रविशंकर सिंह, डॉ. डिंपल कसाना, डॉ. अमरेंद्र सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी सह निदेशक डॉ. दयानन्द प्रसाद, डॉ. राजीव भूषण, उद्यान पशु चिकित्सक डॉ. अजय कुमार, बीएचओ डॉ. मनोज कुमार झा, बर्ड फ्लू के नोडल पदाधिकरी डॉ. आलोक कुमार सिंह, डॉ. श्रेया सिन्हा और डॉ. नमिता शामिल थे।
पक्षियों की मौत के बाद पोस्टमार्टम कर जांच के लिए सैंपल कोलकाता व बरेली के लेबोरेट्री भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में नमूनों में बर्ड फ्लू पॉजिटिव पाया गया।
जांच रिपोर्ट के बाद भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय ने भगवान बिरसा जैविक उद्यान और सीएचसी डुंडे ओरमांझी की जांच के लिए एक टीम ने पहुंचकर जांच की। जिला पशुपालन पदाधिकारी को पक्षियों की मौत का सर्वे कराने को कहा गया है।
प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी रेणू बखला को भगवान बिरसा जैविक उद्यान के आस-पास के गांवों में मुख्य रूप से ईरबा, चकला, करमा, रूक्का, हरदाग और ओरमांझी में टीम भेजने को कहा गया है।
एक टीम सहिया और एएनएम को घर-घर जाकर उस गांव में कितने लोगों को सर्दी, खासी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत हैं। जांच कराने को कहा गया। साथ ही सर्वे कर सघन जांच अभियान चला व जू के आसपास भी स्वास्थ्य कैंप लगाने का निर्देश दिया गया है।