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प्रायवेट स्कूल शिक्षिका ने LKG छात्र की यूं निर्मम पिटाई, फोटो हुआ वायरल

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एक जमाना था जब स्‍कूल को विघा के मंदिर और उसमें पढ़ने वाले शिक्षकों को गुरू माना जाता था। इस विघा के मंदिर में बच्‍चा ज्ञान लेकर आगे बढ़ता और भविष्‍य में कामयाब इंसान बनता है। लेकिन उस शिक्षा के मंदिर का क्‍या जहां बच्‍चें शिक्षा के मंदिर के गुरू से डरे और उनसे कतराए तो ज्ञान लेना दूर की बात है….

teacher Beatingएक्सपर्ट मीडिया न्यूज (संजीत)। किसी व्‍यक्ति के जीवन में माता पिता के वाद अध्‍यापक का ही सर्वोच्‍च स्‍थान माना गया है। वहीं अज्ञानता का शिकार बच्‍चों को सही शिक्षा देकर अज्ञानी से ज्ञानवान बनाता है। परन्‍तु आज शिक्षिका या शिक्षक द्धारा अपनी मर्यादाओं को भूलकर न सिर्फ स्‍कूली बच्‍चों पर अमानविय अत्‍याचार, बल्‍कि नैतिकता को भी तार-तार किया जा रहा है।

ऐसा ही मामला नालंदा जिले के थरथरी प्रखण्‍ड के प्राइवेट स्‍कूल सिताशरण मेमोरियल स्‍कूल का सामने आया है। बच्‍चों के गलती को प्‍यार से समझाना है, लेकिन समझाने के बजाय बेरहमी से बच्‍चों की छड़ी से पिटाई शुरू कर दी। जिसे सुनकर किसी भी रेंगटे खड़े हो सकते है। शरारत करना व उनसे गलतियां होना उनकी प्रकृति है।

खासकर महिलाएं मर्मत्‍व की मूर्ति होती है पर यहां विद्यालय की शिक्षिका अपनी कुर्ता से विधालय में एक नई पहचान बनाई हुई है। छात्रों की बेरहमी से पिटाई तो मानो उनके स्‍वभाव में वसा है। इस स्‍कूल का बच्‍चों की पिटाई का यह पहला मामला नहीं है । इसके पूर्व भी कई बच्‍चों पर शिक्षिका बर्बरता से पिटाई कर चूकी है।

ताजा मामला कनक विगहा गांव निवासी धर्मपाल कुमार उर्फ डिंपल कुमार के पुत्र आयंक कुमार से जुड़ा है। एलकेजी के छात्र आयंक कुमार की गलती बस इतनी थी कि घर से स्‍कूल में मिला होम वर्क पूरा नहीं कर स्‍कूल पहुंच गया। शिक्षिका ने जांच में छात्र का होम वर्क पूरा नहीं देख आग बबूला होकर डंडे से जमकर पिटाई कर दी।

शरीर पर डंडे का निशान देख किसी के भी हाथ पांव फूल जायेगें। लेकिन इस बर्बर शिक्षिका का दिल नहीं पिघला। इस मामले में स्‍कूल संचालक रवि कुमार का जबाव भी कम हैरत में डालने वाला नहीं है।

संचालक ने कहा,  ‘वैसे खास पिटाई नहीं हुई है सिर्फ ब्‍लैक वोर्ड पर बुलाया गया था, कुछ लोगों के द्धारा बढ़चढ़कर सोसल मिडिया पर शिकायत किया गया है। वैसा कुछ भी नहीं है। अगर ऐसा मामला है तो बच्‍चे के अभिभावक पहले हमसे शिकायत करते न कि सोशल मीडिया पर घटना को वायरल करते’

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