Home झारखंड पांच पुलिसकर्मियों की सामूहिक हत्या की कहानी, सरायकेला एसपी की जुबानी

पांच पुलिसकर्मियों की सामूहिक हत्या की कहानी, सरायकेला एसपी की जुबानी

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नक्सली महाराजा प्रमाणिक और रमेश उर्फ अनल ने पूरी कार्य योजना बनायी थी, जिसका दस्ता के लोगों ने एक-एक कर लागू किया और पांच पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया था……”

जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज / वीरेन्द्र मंडल)। सरायकेला-खरसावां जिले के कुकड़ू हाट में 14 जून को पांच पुलिसवालों की हत्या के पीछे महाराजा प्रमाणिक के नक्सली दस्ता का हाथ है।

सरायकेला खरसावां जिले के एसपी एस कार्तिक ने बताया कि ईंचागढ़ प्रखंड के पास से सबसे पहले हार्डकोर नक्सली सुनील टुडू को गिरफ्तार किया गया।

SARAIKELA SP NAKSLI 1सुनील टुडू द्वारा अपना अपराध स्वीकार किया गया और बताया गया कि वह कुकड़ू हाट बाजार में पुलिसवालों को मारने में शामिल था। सुनील टुडू ने बताया कि घटना की योजना रमेश उर्फ अनल ने बनायी और घटना को महाराजा प्रमाणिक, अमित मुंडा, अतुल, टिपु उर्फ टिपुरा, बुधराम मार्डी, रामु उर्फ रामनरेश लोहार, श्रीराम मांझी और उसके कुछ सदस्यों ने अंजाम दिया था, जिसमें कुछ सक्रिय नक्सली और हार्डकोर नक्सली शामिल थे।

सुनील टुडू की निशानदेही पर पुलिस ने नक्सली बुधराम मार्डी को ईंचागढ़ के पाटपुर नहर रोड के पास से गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर हीरो होंडा स्प्लेंडर प्लस जेएच05सीसी-1910 को बरामद किया।

इस गाड़ी को नक्सली श्रीराम मांझी के घर से बरामद किया। श्रीराम मांझी बुधराम मार्डी का साला भी है। सुनील टुडू की निशानदेही पर हमले में प्रयुक्त एक और मोटरसाइकिल हीरो एक्सप्रो पैसन जेएच01बीएच 5495 को हेसाकोचा से बरामद किया गया।

रामु उर्फ रामनरेश लोहार की यह मोटरसाइकिल है, जिसको हेसाकोचा रोड घाटदुलमी से गिरफ्तार किया। इन लोगों ने पूछताछ में बताया कि रमेश उर्फ अनल और महाराज प्रमाणिक ने अपने दस्ता के हार्डकोर नक्सली और सक्रिय समर्थकों के साथ मिलकर अंजाम दिया है।

मीडिया को पूरी कहानी को सिलसिलेवार समझाते पुलिस अधीक्षक एस कार्तिकः  13 जून को बनी योजना, 14 जून को घटना को दे दिया अंजाम, हर जगह थे नक्सलियों के सूचक घटना को अंजाम देने से पहले रमेश उर्फ अनल ने कुछ दिनों तक कुकड़ू हाट में पुलिस की गतिविधि पर नजर रखवाया था और उसके बाद घटना के एक दिन पहले 13 जून को अरहजा के जंगल में अपने दस्ता सदस्यों और सहयोगियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम देने की योजना बनायी थी।

अनल उर्फ रमेश और महाराज प्रमाणिक ने योजना बनायी थी कि 14 जून को कुकड़ू हाट में तिरुलडीह थाना के पुलिस पार्टी की हत्या कर हथियार व गोलियों को लूट लेना है। अनल उर्फ रमेश ने योजना बनायी थी कि कुल सात मोटरसाइकिल पर प्रत्येक गाड़ी में तीन-तीन व्यक्ति बैठकर सिविल कपड़ों में छोटे व धारदार हथियार के साथ प्रत्येक मोटरसाइकिल 15 से 20 मिनट के अंतराल पर कुकड़ू हाट के लिए निकलेगी।

अनग़ल उर्फ रमेश ने घटना को अंजाम देन के लिए 3 से 4 दस्ता सदस्यों की छोटी-छोटी टीम बनायी। एक टीम का नेतृत्व महाराज प्रमाणिक ने की जबकि दूरी टीम का नेतृत्व अमित मुंडू, तीसरी टीम का नेतृत्व अतुल और अन्य टीम का नेतृत्व अन्य दस्ता सदस्यों ने किया।

अनल उर्फ रमेश ने कुकड़ू हाट की ओर जाने वाले रास्ते और एनएच 33 और अन्य जगह पर अवस्थित पुलिस पोस्ट पर निगरानी रखने के लिए भी कुछ लोगों को लगा दिया। इनमें रामु उर्फ रामनरेश लोहार को चौका चौक के पास, श्रीराम मांझी को रड़गांव के पास, टिपु उर्फ टिपुरा को विजयगिरी सीआरपीएफ कैंप के पास और अन्य कुछ लोगों को अलग-अलग जगह निगरानी करने को कहा गया था।

14 जून को ऐसे हुआ पुलिसवालों की हत्या का नक्सली ऑपरेशन, लीड कर रहा था महाराज प्रमाणिकः 14 जून को हार्डकोर नक्सली और सक्रिय समर्थकों के साथ महाराज प्रमाणिक 14 जून की सुबह अरहजा के जंगल से निकलकर कुल सात मोटरसाइकिल से निकले।

हर मोटरसाइकिल पर तीन लोग सवार थे। सभी लोग सादे लिबास में थे और छोटे हथियार लेकर साथ चल रहे थे। इन लोगों ने कुकड़ू हाट बाजार में ही धारदार हथियारों को खरीदा और तिरुलडीह थाना की पुलिस का इंतजार करने लगे।

जैसे ही शाम के वक्त तिरुलडीह थाना की पुलिस टीम पहुंची और बाजार की दुकान में कोल्ड ड्रिंक्स पीने लगे। इस बीच एक पुलिसवाला हाट में चला गया और शेष अन्य कोल्ड ड्रिंक्स पीने लगे।

अचानक से नक्सलियों ने एक-एक पुलिस को अपने कब्जे में लिया और पहले दहशत फैलाने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी और फिर सबका गला रेंत दिया और फिर छोटे हथियारों से गोलियां चलाकर मार डाला और पुलिस का हथियार भी लूटकर चले गये।

पुलिसवालों को सुनील टुडू और बुधराम मार्डी ने पकड़ा था जबकि मारने वालों में महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा, अतुल व अन्य शामिल थे। ये सारे लोग हाट बाजार में फायरिंग करते हुए घुसे और अंदर गये एक अन्य पुलिसवाले को मार डाला।

उसके हथियार लूटने के बाद अपनी गाड़ियों पर सवार होकर माओवादी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए वहां से सीधे पुरानडीह मोड़ होते हुए लेपाटाड़ फुटबॉल मैदान पहुंच गये। लेपाटाड़ फुटबॉल मैदान में हार्डकोर नक्सली बुधराम मार्डी की मोटरसाइकिल पर बैठे नक्सली अतुल ने पुलिस से लूटी गयी बड़ी राइफलों से लोगों की भीड़ देखकर हवाई फायरिंग भी की।

इसके बाद सभी दस्ता के सदस्य मोटरसाइकिल से धातकीडीह गांव होते हए हुंडी के पास एक नदी को पारकर हुंडी गांव पहुंचे। हुंडी गांव पहुंचकर महाराज प्रमाणिक के सभी दस्ता सदस्य एकत्रित हुए और उसके बाद सभी साउडीह गांव होते हुए बाहर निकल गये।    

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