Home झारखंड पत्थलगड़ी को लेकर हिंसक झड़प, 7 लोगों की अपहरण बाद सामूहिक हत्या

पत्थलगड़ी को लेकर हिंसक झड़प, 7 लोगों की अपहरण बाद सामूहिक हत्या

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पश्चिमी सिंहभूम के एक गांव में पत्थलगड़ी समर्थक व विरोधियों के बीच हिंसक झड़प की सूचना मिली है। अब तक किसी भी पक्ष ने पुलिस से कोई शिकायत नहीं की है। जब तक शव नहीं मिल जाता, मारे जाने के सवाल पर बोलना उचित नहीं होगा……..कमल नयन चौबे, डीजीपी, झारखंड।

गुदड़ी में सात पत्थलगड़ी विरोधियों की हत्या की सूचना मिली है। प्राथमिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह मामला पत्थलगड़ी समर्थकों व विरोधियों के बीच का है। हालांकि, अभी तक कोई शव बरामद नहीं हुआ है। इस कारण कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा…… इंद्रजीत महथा, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम।

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। पश्चिम सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने पर सात ग्रामीणों की हत्या कर दी है।

यह वारदात गुलीकेरा ग्राम पंचायत के बुरुगुलीकेरा गांव में हुई है। मृतकों में एक पंचायत प्रतिनिधि और छह ग्रामीण शामिल हैं।

ग्रामीणों के मुताबिक शव गांव के पास स्थित जंगल में फेंक दिया गया है। इसके अलावा गांव के दो अन्य ग्रामीणों के भी गायब होने की भी बात बताई जा रही है। इन दो ग्रामीणों की भी हत्या की आशंका जताई जा रही है।

पुलिस अभी तक कोई शव बरामद नहीं कर पाई है। बुधवार दोपहर तक शव बरामद होने की संभावना है।

pathalgari crime 2पुलिस के अनुसार, मंगलवार की दोपहर हत्या की घटना की सूचना मिलने के बाद गुदड़ी थाना पुलिस सोनुवा क्षेत्र की ओर से घटनास्थल तक पहुंचने की तैयारी कर रही है।

घटनास्थल बुरुगुलीकेरा गांव सोनुआ से 35 किलोमीटर दूर सुदूर जंगल और घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। इस कारण से पुलिस वहां पहुंचने में सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी सावधानी बरत रही है।

ग्रामीणों के अनुसार, पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांव में ग्रामीणों के साथ एक बैठक आयोजित की थी। इसमें पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने पर एक पंचायत प्रतिनिधि और छह ग्रामीणों की जमकर पिटाई की।

इसके बाद डर कर जब स्वजन वहां से भाग गए तो पत्थलगड़ी समर्थक सभी को उठाकर जंगल की ओर ले गए।

उनके घर वापस नहीं लौटने पर सोमवार को सभी पीड़ितों के परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे। उन्होंने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस मामले की छानबीन में लगी ही थी कि मंगलवार दोपहर पुलिस को सात लोगों की हत्या कर शव जंगल में फेंके जाने की सूचना मिली।

इसके बाद पुलिस रेस हो गई। इलाका सुदूर और नक्सल प्रभावित होने के कारण अभी तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंच पाई है।

संभावना है कि बुधवार सुबह पुलिस वहां जाएगी। शव बरामद होने के बाद पुलिस इस पर कुछ कहने की स्थिति में होगी।

बता दें कि हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसी दिन शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में हेमंत सरकार ने फैसला लिया कि पत्थलगड़ी समर्थकों पर लगाए गए देशद्रोह के मुकदमे खत्म किए जाएंगे।

माना गया कि पूर्व की सरकार ने गलत तरीके से इन लोगों पर मुकदमा किया था। फैसले के बाद ऐसे लोगों से मुकदमा वापस लिए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है। देखना होगा इस घटना के बाद सरकार का क्या रुख होता है।

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