” स्कूल के टीचर पढाई छोड़कर मोबाइल पर फेसबुक व सोशल मीडिया पर जमे रहते हैं। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई लिखाई चौपट हो गयी है। स्कूल में मीड-डे-मील भी नहीं दिया जाता है।”
नालंदा (राम विलास)। सिलाव प्रखण्ड में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गयी है । छात्र- छात्राएँ सड़क पर उतारने के लिए मजबूर हैं । इसी कड़ी में विद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी के खिलाफ छात्रों और ग्रामीणों ने नाराजगी का इजहार किया है। स्कूल में ताला जड़ने के बाद छात्रों और ग्रामीणों ने राजगीर -गिरियक स्टेट हाई वे 71 को नागडीह विस्थापित कालोनी के पास घंटों जाम कर बबाल काटा।
छात्रों और ग्रामीणों की शिकायत है कि शिक्षक मनमाने समय से स्कूल आते- जाते हैं। बच्चों की पढाई नहीं होती है। स्कूल में केवल हाजिर बनाने का काम होता है । स्कूल के बच्चों को मीड-डे-मील नहीं दिये जाते हैं। स्कूल में पेयजल और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है। इन गंभीर आरोपों की जांच करने का आदेश सिलाव की बीईओ अंजू चौधरी को दिया गया है।
सिलाव प्रखंड अंतर्गत नागडीह विस्थापित कालोनी के प्राथमिक विद्यालय लोहिया नगर के छात्रों और ग्रामीणों ने कुव्यवस्था से तंग होकर पहले स्कूल में ताला जड़ दिया । छात्र – छात्राओं के साथ ग्रामीण सड़क पर उतर कर घंटों राजगीर- गिरियक मुख्य सड़क को जाम कर हंगामा किया। सड़क जाम के कारण इस मार्ग में यातायात अबरूद्ध हो गया । आने जाने वाले पर्यटकों व यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
इस घटना की सूचना के बाद भी सिलाव की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मंजू चौधरी घटना स्थल पर नहीं पहुंची, जिसके कारण ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया।
वही घटना की सूचना मिलते ही सिलाव के अंचलाधिकारी शैलेश कुमार सिंह और राजगीर थाना की पुलिस मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझा बुझा कर शांत कराया तब जाम को हटाया गया।
इस स्कूल में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में ग्रामीण सह सीसीए नेता रामदहीन राजवंशी , वासुदेव ,रंजीत, भरत एवं लक्ष्मण ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय लोहिया नगर में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं है। यहां के छात्र – छात्राएँ मल-मूत्र त्यागने के लिए खुले में जाने के लिए विवश हैं। पेशाव- पैखाना के लिए स्कूल से बाहर जाने के कारण सड़क दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
इस विद्यालय के शिक्षक और शिक्षिका मनमाने समय से स्कूल आते- जाते हैं। कोई 11 बजे तो कोई 12 बजे स्कूल पहुंचते हैं। इतना ही नहीं निर्धारित समय से पहले ही स्कूल से चले भी जाते हैं ।
विद्यालय में ताला जड़ने और सड़क जाम के समय भी स्कूल के हेडमास्टर स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित पाते गये। विद्यालय की शिक्षिका सुमन कुमारी , सीमा कुमारी, जेबा बख्तियार ने बताया कि इस विद्यालय में 300 छात्र – छात्राए हैं । इन्हें पढाने के लिए स्कूल में सात शिक्षक पदस्थापित हैं।
विद्यालय के छात्र-छात्राएं और अभिभावक ने स्कूल की समस्याओं को लेकर जिस तरह सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया है, इससे शिक्षा विभाग की कलई खुल गई है।
अंचलाधिकारी शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस विद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व कुव्यवस्था की जांच करने का आदेश बीईओ अंजू चौधरी को दिया गया है। विद्यालय की समस्याओ का निदान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से दूर किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि लोग कानून को हाथ मे न ले। कोई भी समस्या है तो अपने पदाधिकारी को बताये।
कमोवेश यही समस्या जिला प्रखंड के हाई स्कूल नांगल की है। स्कूल में छात्र समय से आ जाते हैं। शिक्षक मनमाने समस्या पर शिक्षकों की सुरैया से नाराज छात्र-छात्राएँ अपनी ही स्कूल में धरने पर बैठ गए।
उनकी शिकायत है कि दिन के 11:00 बजे तक स्कूल का ताला नहीं खुला है। इसका कारण है कि इस समय तक एक भी शिक्षक विद्यालय में नहीं पहुंच पाए। इस आक्रोश को देखते हुए राजगीर एसडीओ ने सिलाव की बीईओ अंजू चौधरी वह मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है।