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नालंदा प्रशासन को बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में हादसा या वारदात का इंतजार है?

bihasarif hospital crimebihasarif hospital crime 3 1बिहारशरीफ (INR)। बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड का कोई देखनहारा नहीं लगता है और जिला पुलिस-प्रशासन की तंद्रा किसी घटना के घटने के बाद ही टूटेगी।

बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में कैदियों द्वारा विभागीय मिलीभगत से यत्र–तत्र छोटे सिलेन्डरों पर खाना बनाये जा रहे हैं। आलावे वहां तैनात सिपाही की अन्य हरकतों से साफ जाहिर कभी कोई बड़ा हादसा या वारदात हो सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में पांच पुलिस जवान तैनात हैं लेकिन, वे  न तो सही से ड्यूटी करते हैं और नहीं कभी वे सब वर्दी में ही रहते हैं। वे प्रायः कैदी के बेड पर ही पड़े रहते हैं और बीमार कैदी से अपना ही सेवा कराते है।

यहां नशीले पदार्थ भी उपलब्ध रहते हैं। यहां एक सिपाही ही खुद झोला में ताड़ी और गांजा लेकर आता है और अपने सहपाठी कैदी के साथ बैठ कर बथारूम के पास पीते रहता है।

यहां प्रायः पुलिस वालों ने अपना एक-एक नौकर कैदी लोग को ही रख लिया है, उसी से वे लोग कैदी वार्ड का सारा काम कराते हैं।

यहां कुछ दिनों से कैदियों के पत्नियां व परिवार के अन्य लोग भी अन्दर आने लगे हैं। रात्रि के 9-10 बजे रात के बाद ऐसा नजारा आम होता है।

उपरोक्त तथ्यों के साथ वीडियो क्लीप भी प्रसारित किये जा रहे हैं, जो यह साफ प्रमाणित करते हैं कि कैदी वार्ड में आसानी से मोबाईल का भी प्रयोग होता है। यहां कैदी के परिवार वालों से एक मोबाईल रखने की एवज में 500 रुपये प्रति माह वसूले जाते हैं।

इस संबंध में कई वीडियो क्लीप साईट के More vedio news में साफ तौर पर देख सकते हैं कि बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड की ताजा राम कहानी  साफ तौर पर स्पष्ट है।

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