“गोलीबारी में घायल महिला एवं पुरुष के बीच भाभो-भैंसुर का रिश्ता बताया जाता है। गोलीबारी में भाभो बेबी देवी को घायल देख भैंसुर उमेश लोगों के सहयोग से इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी में थे। तभी विरोधी पक्ष रोकने की कोशिश किया। जिसका विरोध किए जाने पर उमेश को भी गोली मार दी।”
हिलसा (चन्द्रकांत)। हिलसा थाना के परवलपुर गांव में सोमवार की अहले सुबह हुई गोलीबारी में एक महिला समेत दो लोग घायल हो गया। चिंताजनक स्थिति में रहे दोंनो घायल को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया गया।
परवलपुर गांव निवासी संजय कुमार ने बताया कि उनके खेत से धान का बोझा खलिहान में ढोया जा रहा था। गांव के ही सत्येन्द्र प्रसाद द्वारा रास्ते में धान का पुंज लगा देने के कारण मजदूर को बोझा लाने में दिक्कत हो रही थी। जिसकी जानकारी होने पर उनकी पत्नी बेबी देवी कुछ बोल रही थी। तभी वहां सत्येन्द्र का भतीजा रंजीत तथा टिंकु आया और बेबी देवी से उलझ गया। दोंनो गॉली गलौज करते हुए हाथापाई करने लगा।
बेबी द्वारा विरोध जताए जाने पर टिंकु अपने हाथ में लिए पिस्तौल से गोली चला दी। गोली लगने से बेबी घायल होकर गिर पड़ी। हल्ला सुनकर उनके बड़े भाई उमेश प्रसाद अन्य लोगों के साथ पहुंचे और इलाज के लिए बेबी को अस्पताल लाने की तैयारी कर रहे थे।
तभी वहां रंजीत अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचे और गॉलीग्लौज करते बेबी को लाने से रोकने लगे। उमेश द्वारा विरोध जताए जाने पर रंजीत अपने हाथ में लिए पिस्तौल से गोली चला दी, जो उमेश के पेट में लगी। तभी गांव के बहुत से लोग दौड़े तो सभी लोग भाग गए।
परवलपुर गांव में गोलीबारी की घटना में कथित आरोपी रंजीत सिर्फ अपने रिश्तेदार के विरोध के कारण भड़क गया था।
ग्रामीणों की मानें तो जिस धान के पुंज को लेकर विवाद हुआ वह पुंज कथित आरोपी रंजीत का नहीं बल्कि उसके चाचा सत्येन्द्र प्रसाद की थी।
घायल बेबी देवी रास्ते में पुंज लगा देने को लेकर सत्येन्द्र को कोस रही थी। तभी वहां पहुंचे रंजीत को बेबी की बात नागवार लगा और वह भड़क कर गोलबारी तक कर दी।
गांव में दस्तक दी पुलिस, नहीं पकड़ाया कोई आरोपी
गोलीबारी में एक महिला समेत दो लोगों के घायल होने की खबर मिलते ही पुलिस परवलपुर गांव पहुंची। दारोगा शशि रंजन ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही एक टीम को परवलपुर तथा दूसरी टीम को अस्पताल भेजा गया।
अस्पताल में घायल के परिजनों के बताए अनुसार कथित आरोपियों की धड़-पकड़ के लिए छापेमारी की, लेकिन कोई भी गिरफ्त में नहीं आ सका। समाचार प्रेषण तक घटना के संबंध में दर्ज एफआईआर की पुष्टि पुलिस पदाधिकारी द्वारा नहीं की गई।