Home देश ‘दीन दयाल स्पर्श योजना’ अंतर्गत अब डाक विभाग देगा छात्रवृति

‘दीन दयाल स्पर्श योजना’ अंतर्गत अब डाक विभाग देगा छात्रवृति

“इस योजना अंतर्गत कक्षा 06 से कक्षा 09 तक के वैसे छात्रों का चयन कर छात्रवृति प्रदान करना है, जो डाक-टिकट संग्रहण में रुचि रखते है और स्कूली शिक्षा के वार्षिक परिणाम में भी प्राप्तांक  60% और उससे ज्यादा हो।”

समस्तीपुर (रमेश शंकर)। जिले में आज शहर के ‘होली मिशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, काशीपुर’ में समस्तीपुर डाक प्रमंडल  द्वारा स्कूली बच्चों को डाक विभाग की  ‘दीन दयाल स्पर्श योजना अंतर्गत ‘क्विज़ सह पेंटिंग, स्टाम्प डिजाइनिंग प्रतियोगिता’ का आयोजन डाक अधीक्षक धनंजय कुमार के नेतृत्व में किया गया। जिसमें कुल 34 प्रतिभागी बच्चे शामिल हुए।

post office news samstipur 2कार्यक्रम के अवसर पर डाक प्रमंडल के मार्केटिंग एक्सक्यूटिव शैलेश कुमार सिंह ने बच्चों को ‘माई स्टाम्प’,’फिलाटेलिक स्टाम्प, सुकन्या समृद्धि योजना समेत अन्य ढेर सारी लाभकारी योजनाओं और सेवा की जानकारी दी गयी।

अपने संबोधन के क्रम में जनसम्पर्क निरीक्षक ने बताया कि ‘दीन दयाल स्पर्श योजना’ की शुरुआत संचार मंत्री मनोज सिन्हा द्वारा दिनांक-03 नवंबर 2017 को इस योजना की शुरुआत की गई है।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा परिमंडल स्तर पर उक्त चारों कक्षाओं के 10-10 बच्चों का चयन मेंटरों की मदद से की जायेगी और चयनित बच्चों को 500/- रुपये प्रति माह की दर से त्रैमासिक 1500/- रुपये छात्रवृति के रूप में कुल 6000/- रुपये वार्षिक भुगतान डाकघर के ‘इंडिया पोस्ट बैंक’ या कोर बैंकिंग सिस्टम से जुड़े डाकघर के खाते के माध्यम से किया जाएगा।

इसके लिए संबंधित छात्रों को एक संयुक्त खाता खोलना होगा और जल्द ही ये योजना समस्तीपुर डाक प्रमंडल द्वारा शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल मार्केटिंग और प्रतिस्पर्धा की दौर में डाक विभाग अपने विशालतम नेटवर्क,विश्वसनीय साख और झोपड़ियों तक कि पहुंच के साथ सीमित संसाधनों का प्रयोग कर नित्य नई-नई आकर्षक जनहितकारी सेवाएँ शुरू कर रहा है, जिसकी अगली कड़ी में समस्तीपुर प्रधान डाकघर के द्वारा हाल में शुरू की गयी ‘माई स्टाम्प’ योजना अंतर्गत कोई भी आम व्यक्ति अपना खुद का डाक-टिकट बनवा सकता है।

उन्होंने कहा कि  देश के नौनिहालों के साथ-साथ अन्य लोगों का पत्र-लेखन के प्रति आकर्षण बनाये रखने की दिशा में ‘माई-स्टाम्प’ योजना ‘मील का पत्थर’ साबित होगा।

उन्होंने आगे बताया कि विशेष ब्यक्ति या अवसर पर अब तक  जारी होने वाला भारतीय डाक-टिकट अब पुराने चेहरे से अलग नई रूप-रेखा में ढलता नज़र आएगा और इस उद्देश्य से ‘माई स्टाम्प’ योजना आम लोगों की पहचान बन सकता है। देश का कोई भी आम ब्यक्ति इस ‘माई स्टाम्प’ योजना अंतर्गत अपने चेहरे तथा नाम से डाक टिकट निकलवा सकता है,जिसका उपयोग डाक विभाग के माध्यम से भेजे जानेवाले साधारण पत्रों वाले लिफाफे, निबंधित पत्रों तथा स्पीड पोस्ट, डाक टिकट संग्रहण के साथ-साथ जन्मदिन, शादी जैसे अन्य सुखद पलों को यादगार बनाने या भेंट स्वरूप देने के लिए किया जा सकता है।

श्री सिंह ने समस्तीपुर प्रधान डाकघर से शुरू की गई इस नवीनतम योजना संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ‘माई स्टाम्प’ योजना का लाभ लेने हेतु ग्राहक डाक विभाग के निर्दिष्ट प्रारूप में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल, पहचान पत्र की प्रति, एक पासपोर्ट आकार का खुद का फोटो के साथ 5/- रूपये मूल्य वर्ग के 12 डाक-टिकटों के प्रति सेट के लिए 300/- रू०(न्यूनतम) की दर से शुल्क जमाकर अपने चेहरे का डाक टिकट निकलवा सकते हैं।

यह टिकट 2 टिकटों का जुड़ा हुआ स्वरूप व 2 भागों में होगा,जिसके पहले भाग पर जहाँ टिकट छपवाने वाले ब्यक्ति का फोटो और नाम होगा तो दूसरे भाग पर भारतीय फूल डॉलिया,लिली, ताज महल, ग्रीटिंग्स आदि के परंपरागत प्रतीक की आकृति के साथ 5/- रू० मूल्य वर्ग भी अंकित रहेगा तथा टिकट के दोनों भाग को अलग-अलग इस्तेमाल करने पर विभाग द्वारा इसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी यानी इन दोनों भाग का अलग-अलग इस्तेमाल सर्वथा वर्जित है और टिकट का मूल्य बेकार चला जायेगा,इसलिए टिकट का आपस मे जुड़ा होना आवश्यक होगा।

इस कार्यक्रम में विभाग की ओर से निरीक्षक शशि कांत सिंह, नीरज कुमार ,समीर कुमार, अशोक मिश्र, किरण ठाकुर और विद्यालय परिवार की ओर से  डायरेक्टर धर्मांश रंजन,धर्मेंद्र सिंह, आर. चौरसिया, नरेंद्र सिंह, सरोज सिंह, श्रीमती लक्ष्मी सिंह, नरेंद्र सिंह, जीनत परवीन, सलमा खान, सुश्री शकुंतला आदि शामिल थे।

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