Home झारखंड ………..तो सामूहिक आत्मदाह कर लेंगी गांव की महिलाएं!

………..तो सामूहिक आत्मदाह कर लेंगी गांव की महिलाएं!

0

प्रशासन और सरकार के रवैए के खिलाफ सख्त नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि एक चोर की पत्नी आत्मदाह की धमकी देती है तो कानून में बदलाव कर दिया जाता है, लेकिन झूठे मामले में गांव के एक दर्जन युवकों को पुलिस उठाकर पूछताछ के लिए ले जाती है और सब पर धारा 302 लगा दी जाती है, यह कैसा इंसाफ है……………….”!

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। झारखंड के सरायकेला खरसावां जिला के चर्चित तबरेज मॉब लिंचिंग के मामले में धातकीडीह गांव की महिलाओं ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

ww

गांव की महिलाओं ने जिला प्रशासन से चोरी की घटना वाली रात तबरेज के साथ अन्य दो युवकों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है, ताकि पूरे मामले से पर्दा उठ सके।

महिलाओं का कहना है कि तबरेज चोर था और चोरी की नीयत से घर में घुसा था। उसके साथ उसका दो और साथी भी था, जो आज तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। उसके गिरफ्तार होते ही पूरा मामला साफ हो जाएगा।

गांव की महिलाओं ने जिला प्रशासन और सरकार के रवैए के खिलाफ सख्त नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि एक चोर की पत्नी आत्मदाह की धमकी देती है तो कानून में बदलाव कर दिया जाता है, लेकिन झूठे मामले में गांव के एक दर्जन युवकों को पुलिस उठाकर पूछताछ के लिए ले जाती है और सब पर धारा 302 लगा दी जाती है, यह कैसा इंसाफ है!

उन्होंने ग्रामीणों की पिटाई से तबरेज की मौत को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आखिर जेल में जब तबीयत तबरेज की खराब हुई थी तो सही इलाज क्यों नहीं कराया गया।

साथ ही पुलिस के कार्यशैली पर भी महिलाओं ने सवाल उठाया है और कहा है कि ग्रामीणों ने ही तबरेज को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। ऐसे में पुलिस जब यह दावा कर रही थी कि उसने छापेमारी कर तबरेज को पकड़ा है तो पुलिस भी उतनी ही दोषी है, जितना गांव के युवक।

महिलाओं ने मीडिया को भी आड़े हाथ लिया है और कहा है कि ज्यादातर मीडिया तथ्य हीन खबरें चला कर एक तरफा तथ्य दुनिया को दिखा रही है। वैसे महिलाओं ने मुख्यमंत्री से मिलने की बात भी कही है।

इधर धातकीडीह गांव में मातमी सन्नाटा अभी पसरा हुआ है। लोग घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। खासकर महिलाएं खासा चिंतित नजर आ रही है।

महिलाओं ने बताया कि उनका विश्वास कानून और सरकार से उठ गया है। एक दो युवक अपराधी हो सकते हैं। पूरे गांव का युवक अपराधी नहीं हो सकता।

हर 15- 20 दिनों में मेडिकल रिपोर्ट अलग-अलग जारी किए जाने पर भी महिलाओं ने प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है और कहा है कि इससे सरकार और स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। निश्चित तौर पर सरकार और स्थानीय प्रशासन यह काम किसी दबाव में कर रही है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version