Home समस्या झारखंड में पेयजल आपूर्तिः ‘जनता त्रस्त,संवेदक मस्त’

झारखंड में पेयजल आपूर्तिः ‘जनता त्रस्त,संवेदक मस्त’

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सरिया(गिरिडीह)। ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत सरिया में करोड़ों रुपये खर्च किये गए। जो अब तक हाथी के दांत साबित हो रहे हैं।इससे यह कहावत भी चरितार्थ हो रही है कि”जनता त्रस्त,संवेदक मस्त”।

saria1बताते चलें कि इस योजना के तहत सरिया क्षेत्र के लाखों लोगों के प्यास बुझाने की योजना थी।जिसके लिए एक दशक पूर्व पेयजलापूर्ति का कार्य संवेदक द्वारा प्रारम्भ किया गया था। परंतु यह योजना सम्पन्न होने के पूर्व आधी अधूरी में ही सिमटकर रह गई।

बताया जाता है कि प्राकलन के अनुसार संवेदक द्वारा कार्य पूरा नहीं किया गया। कई मुहल्लों में कुछ ही दूर तक पाइप लाइन बिछाकर खानापूर्ति की गई है।जिससे क्षेत्र की जनता आज भी अपनी प्यास बुझाने के लिए दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर है।

कई बार ग्रामीणों ने सुविधा का लाभ लेने के लिए पेयजल विभाग में कार्यरत कर्मचारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों से इसकी शिकायत करते हुए पाइप जोड़ने की मांग की।

परंतु अबतक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।नजबकि कनेक्शन के नाम पर 700 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं उपभोक्ताओं से कहा जाता है कि पाइपलाइन से उपभोक्ता के घर तक पी भी सी पाइप की व्यवस्था खुद से करें।

इस प्रकार एक-एक उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने के लिए पाइपलाइन से घर तक पांच से छ: हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। जो सबके लिए सम्भव नहीं है।लोगों ने कहा कि इतना खर्च के बाद भी एक बूंद पानी नसीब नहीं है।

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