“स्थानीय नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के चक्कर में उस लाश का भी सौदा कर डालते हैं और मामला वरीय पदाधिकारियों के पास पहुंचने के बाद भी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रफा-दफा कर दी जाती है……”
झुमरी तिलैया (कासिफ अंसारी)। कोडरमा जिला में एक निजी नर्सिंग होम की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। यहां चिकित्सकों की गलती का खामियाजा एक प्रसूता को भुगतना पड़ी है।
डोमचांच प्रखंड अंतर्गत पंचायत बगरीडीह निवासी चांदनी खातून पति मो. मकसूद को आर्यन हॉस्पिटल झुमरीतिलैया में भर्ती कराया गया। चांदनी खातून अपने होशो हवास में आर्यन हॉस्पिटल पहुंची। जहां पर चिकित्सक डॉ प्रवीण कुमार के द्वारा ट्रीटमेंट किया गया एवं हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया। उसके बाद इलाज चालू हुआ, जिसमें कई प्रकार की सूई एवं सलाइन चढ़ाया गया।
इशहाक मियां ने आगे बताया कि रविवार की रात्रि करीब 8:30 बजे ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। जिसके आधा घंटे बाद ही करीब 9:00 बजे आर्यन हॉस्पिटल के स्टाफ इधर उधर भागने लगे। जैसे मानो कबड्डी खेल रहे हैं।
इसके बाद करीब 9:15 बजे डॉ प्रवीण कुमार के द्वारा बताया गया कि उनकी बहू की मृत्यु हो चुकी है। जब वह ऑपरेशन थिएटर में गया तो अपनी बहू का पांव छू कर देखा तो वह ठंडा हो चुका था।
इसके बाद हॉस्पिटल में ही रोना-पीटना शुरू हो गया। वहीं मृतका के ससुर ने आगे बताया कि मुझे चिकित्सक प्रवीण कुमार के द्वारा डेढ़ लाख रुपए का चेक भी दिया गया है।
इस मामले में डोमचांच थाना क्षेत्र बागरीडीह निवासी शकील अंसारी पूर्व मुखिया, बगडों बनसातांड निवासी असलम अंसारी, जेवीएम नगर अध्यक्ष असद खान ने दबाव बनाकर एवं डरा धमका कर शव ले जाकर जल्दी अंतिम संस्कार करने के लिए कहा एवं परिजनों ने सोमवार की सुबह 11 बजे के करीब शव को बगरीडीह कब्रिस्तान में दफना दिया।
वहीं आर्यन हॉस्पिटल के चिकित्सक प्रवीण कुमार ने कहा कि रविवार की रात्रि 8:30 बजे ऑपरेशन थिएटर में जाने के बाद पेशेंट की सिजेरियन के दौरान ही आधे घंटे के अंदर हो गई। हमें पता ही नहीं चला कि क्या हुआ। जबकि बच्चे की हालत सही है।
वहीं देखने वाली बात है कि आए दिन कोडरमा जिले के निजी अस्पतालों में आम जनों की मौत चिकित्सकों की लापरवाही से हो जाती है। जिसके बाद स्थानीय नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के चक्कर में उस लाश का भी सौदा कर डालते हैं और मामला वरीय पदाधिकारियों के पास पहुंचने के बाद भी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रफा-दफा कर दी जाती है।
अब देखना यह है कि चांदनी खातून के कातिलों का सजा मिलती है या नहीं या चांदनी खातून की आत्मा अपनी इंसाफ के लिए दर-दर भटकती है।