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जू प्रशासन ने चोरी गए बोलेरो के मांगे 7 लाख, कर्मी ने जहर खा दी जान, रेंजर समेत 3 पर FIR

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दरअसल, जू की पार्किग से नौ जनवरी को बोलेरो चोरी हुई थी। तब पार्किग में राजेंद्र महतो की ही ड्यूटी थी। उससे सात लाख रुपये मांगे जा रहे थे……”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। रांची के ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान प्रशासन की प्रताड़ना से तंग आकर एक दैनिक वेतनभोगी उद्यान कर्मी राजेंद्र महतो (40 वर्ष) ने उद्यान में ही जहर खा अपनी जान दे दी।

zoo suside fir 1राजेंद्र महतो सुबह 7 बजे ही उद्यान के लिए घर से निकला और उद्यान पहुंचकर जहर खा लिया। तबीयत बिगड़ने पर उद्यान कर्मियों की मदद से उसे मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।

परिजनों का आरोप है कि जू प्रबंधन की प्रताड़ना से तंग आकर उसने जान दे दी। राजेंद्र ओरमांझी प्रखंड के झीरी गांव का रहनेवाला था। वह वर्षो से जैविक उद्यान में काम कर रहा था।

मेदांता में उपस्थित मृतक की पत्नी उर्मिला देवी व बेटी अनु कुमारी ने बताया कि वह घर में काफी बैचेन थे। कह रहे थे कि बोलेरो के पैसे देने के लिए उन्हें जमीन बेचनी पड़ेगी। उद्यान प्रशासन लगातार प्रताड़ित कर रहा था।

तब राजेंद्र ने कहा था कि हम नहीं रहेंगे, तो घर में सब अच्छे से रहना। प्रत्येक दिन 8:30 में उद्यान जाने वाले राजेंद्र शनिवार को सुबह 7 बजे ही उद्यान से निकल गए थे। राजेंद्र की मां उद्यान गेट के आगे बैठ कर रो रही थी।

जू कर्मी राजेंद्र महतो की मौत की जानकारी मिलते ही ग्रामीण व परिजन मेदांता पहुंचे। राजेंद्र को प्रताड़ित करने वाले अधिकारी व कर्मी पर कार्रवाई और मृतक के परिजनों को मुआवजा की मांग को लेकर ग्रामीण हंगामा करने लगे।

डीएसपी चंद्रशेखर आजाद, थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, सीओ शिवशंकर पांडेय, मेसरा थाना प्रभारी विरेंद्र कुमार, हुटुप टीओपी प्रभारी जमादार सिंह मुंडा द्वारा लोगों का समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं माने।

इसके बाद बाद उद्यान के वनक्षेत्र पदाधिकारी ने लिखित आश्वासन दिया कि आज 12 बजे तक विभाग के उच्च अधिकारी आकर बात करें। इसके बाद शव को मेदांता के मोर्चरी में रखवाया गया।

दरअसल, जू के गेट पर विकास-हजारीबाग फोरलेन किनारे स्थित पार्किग से बोलेरो चोरी जाने के बाद पुलिस ने राजेंद्र से सख्ती से पूछताछ की थी। वहीं उद्यान प्रशासन के अधिकारियों ने भी डांटा था।

उससे चोरी गई बोलेरो की कीमत भी मांगी जा रही थी। इससे वह परेशान था। परिजनों व अन्य वन्य कर्मियों का कहना था कि पहले भी पार्किंग से एक स्कूटी की चोरी हो गई थी। उस वक्त उद्यान के कर्मी को ही स्कूटी की कीमत देनी पड़ी थी।

अब इस घटना के बाद बोलेरो की कीमत सात लाख भी राजेंद्र से मांगे जाने की बात कही गई। प्रशासन द्वारा डांटने व सात लाख मांगने से राजेंद्र परेशान हो गया और उद्यान में आकर जहर खा लिया।

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