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कोरोना तालाबंदी कर हेमंत सरकार ने उठाए ये जरुरी कदम, सबको जानना है जरुरी

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रोना वायरस (COVID-19) आज भारत समेत कई देशों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इसे लेकर आने-वाले दो-तीन सप्ताह काफी क्रूशियल हैं। ऐसे में झारखंड राज्य में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने और निपटने की दिशा में सरकार ने पूरे राज्य में 31 मार्च तक पूर्णतया तालाबंदी (लॉक डाउन) करने का निर्णय लिया है..”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कल देर शाम वरीय अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के कारण पैदा हो रही परिस्थितियों औऱ इससे निपटने के तौर-तरीकों को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की।press release cm jharkgand 1

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कोरोन के संभाव्य प्रसार को लेकर सरकार सतर्क है और इसे रोकने के लिए सभी एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार ने महामारी रोक अधिनियम-1987 के अंतर्गत कोरोना वायरस के संभाव्य प्रसार को देखते हुए पूरे राज्य में लॉक डाउन की घोषणा की है। इसके अंतर्गत आकास्मिक सेवाओं को छोड़कर राज्य सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे।

पदाधिकारी व कर्मचारी अपने घऱों से कार्यों का निष्पादन करेंगे, लेकिन वे अपने मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर कार्यालय प्रधान द्वारा उन्हें दफ्तार में बुलाया जा सकता है।

इस उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि इंटर स्टेट और राज्य के अंदर बस सेवाओं के परिचालन पर 31 मार्च तक पूरी तरह रोक रहेगी। इसके साथ टैक्सी, आटो, ई-रिक्शा आदि का भी परिचालन नहीं किया जा सकेगा। लेकिन, स्वास्थ्य की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए अस्पताल तक परिवहन की सुविधा को इससे अलग रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि इस बाबत राज्य की सीमाओं पर चेकपोस्ट पर चेकिंग की पुख्ता व्यवस्था हो और बाहर से आने वाले सभी तरह के वाहनों और उसमें बैठे लोगों का मोबाइल नंबर सहित सभी जानकारी लिखित रुप में अनिवार्य रुप से ली जाए।

कोरोना वायरस के संभाव्य प्रसार के मद्देनजर सभी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, गोदाम और साप्ताहिक हाट-बाजार आदि को बंद ऱखने, सभी प्रकार के निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रोकने औऱ धार्मिक स्थलों को दर्शनार्थियों के लिए बंद करने का भी निर्णय उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया।

स्वास्थ्य सेवाओं, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, कारा सेवाएं, विधि व्यवस्था से जुड़े पदाधिकारी व कर्मी, राशन दुकान, बैंक, एटीएम, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक औऱ सोशल मीडिया, टेलीकॉम/ इंटरनेट सेवाएं/ आईटी आधारित सेवाएं, खाद्य आपूर्ति से जुड़ी परिवहन सेवाएं, पोस्टल सेवाएं, खाद्य, दवा और चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-कॉमर्स आपूर्ति, खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, दूध, फल औऱ सब्जी के परिवहन तथा भंडारण की गतिविधियां, रेल, हवाई अड्डा औऱ बस अड्डा के लिए परिवहन सेवाएं, टेक अवे/ होम डिलीवरी रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, दवा दुकान, पेट्रोल पंप एवं एलपीजी व सीएनजी गैस के परिहवन और भंडारण की गतिविधियां, उत्पादन और निर्माण इकाईयां, जिन्हें निरंतर प्रक्रिया की आवश्यकता होती है, उपायुक्त की अनुमति प्राप्त करने के बाद अपनी गतिविधियों को चालू रख सकते हैं आदि शामिल हैं।

इस उच्चस्तरीय बैठक में एक ही जगह पर पांच से अधिक व्यक्तियों के जमावड़े पर निषेध का निर्णय़ लिया गया। इसके अलावा विदेश से आनेवाले नागरिकों या अन्य राज्यों से आए हुए व्यक्ति स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निर्धारित क्वारेंटाइन की अवधि का कड़ाई से पालन करेंगे। लोग अपने घऱों में रहेंगे।

बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने के दरम्यान सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर राज्य मुख्यालय जिला मुख्यालय प्रखंड मुख्यालय और पंचायत स्तर पर वरुण और कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। राज्य अथवा राज्य के बाहर रहने वाले यहां के लोग कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियों और परेशानियों की जानकारी लोग दे सकते हैं। यहां मिलने वाली रिपोर्टों की हर दिन शाम में समीक्षा की जाएगी और और आवश्यकता अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों को कहा कि कोरोना वायरस को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे काम करेगा इस बाबत हेल्पलाइन नंबर 181 पर कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी जानकारी दी जा सकती है

इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में स्थित सभी 377 दाल भात केंद्रों को 3 दिनों के अंदर हर हाल में क्रियाशील बनाने का निर्देश सभी जिलों के उपायुक्तों को देने का निर्णय लिया गया, इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दाल भात केंद्रों में सिर्फ भोजन का वितरण किया जाएगा। यहां बैठकर भोजन करने की मनाही है, लोग भोजन को यहां से लेकर अपने घरों में खा सकेंगे।

 जिन इलाकों से श्रमिकों का ज्यादा पलायन हुआ है, वहां से लौटे हुए श्रमिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों के घर पर भोजन की होम डिलीवरी की जाए। इस बाबत आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की जिम्मेदारी तय की जाए। इसमें किसी भी तरह की कुटाई नहीं बरदाश्त की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि गांव-गांव तक लोगों को यह जानकारी होनी चाहिए कि कोरोना वायरस के कारण होनेवाली बीमारी, इसके लक्षण और बचाव के क्या उपाय हैं। इस बाबत राजधानी रांची से लेकर हर गांव-पंचायत तक इस बाबत पोस्टर या अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसमें आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, शिक्षकों व जरुरत पड़ने पर अन्य सरकारी कर्मियों की जिम्मेदारी तय की जाए।

इसके अलावा नगर निगम के सफाई वाहनों और पुलिस विभाग के पीसीआर वैन आदि का भी इस्तेमाल किया जाए। चौक-चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नलों पर भी ध्वनियंत्रों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाए। 

हाइवे पर टॉल प्लाजा पर भी कोरोना से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री उपलब्ध कराया जाए, ताकि आने-जानेवाले वाहनों में उसे वितरित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को जागरुक करने के लिए जो भी जरुरी कदम उठाने पड़े उसे जरुर किया जाए।

इस बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक एमवी राव,  स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, परिवहन विभाग के सचिव के रवि कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल तिवारी, रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे और वरीय पुलिस अधीक्षक अनीस गुप्ता   विशेष रूप से मौजूद थे।

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