रांची (मुकेश भारतीय)। नेशनल हाईवे ऑथिरीटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा एन.एच 33 फोरलेन सड़क निर्माण में हुई मनमानी का आलम की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ओरमांझी ब्लॉक चौक के पास फोर लेन सड़क का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न रहता है। हल्की बारिश होते ही कई घंटो तक एक साइड के टू लेन पर आवागमन ठप हो जाता है। मूसलाधार बारिश होने पर स्थिति काफी भयावह हो जाती है। सड़क का पानी लोगों के घरों और दुकानों में घुस जाता है। आम आदमी का सड़क पार करना या उसके किनारे पैदल चलना भी दूभर हो जाता है।
एक तो यहां पर साइड रोड का निर्माण नहीं हुआ है, वहीं लोगों ने भी कालीकरण के बाद बची जमीन का अतिक्रमण कर रखा है। फोरलेन के आधी से अधिक सड़क पर लगी वाहनों की कतार हमेशा हादसों को आमंत्रण देते रहती है।
सबसे बड़ी बात कि यहां फोर लेन सड़क का निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है कि पानी का निकास किसी दिशा में संभव है ही नहीं। अभियंतओं ने करीव 200 फीट सड़क के आगे और पीछे काफी ऊंची कर डाली है और जन दबाव में जिस तरह की कलवर्ट नाली का निर्माण हुआ है, वह अपेक्षाकृत संकरी और सड़क तल से ऊंची होने के कारण पानी नहीं खींच पाता है।
नतीजतन, यहां एक लंबी दूरी तक सड़क बारिश होते ही गहरी झील बन जाती है, जो किसी तरह धीरे-धीरे स्वतः सड़न के साथ सुखती है। तब तक लोगों का जीना मुहाल रहता है।
इस नाली के निर्माण में भारी अनियमता बरती गई है। नाली के आगे की निकास अधूरी और बाधित भी है। लाख शिकायत के बाबजूद किसी स्तर से इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।