एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पिछले वर्ष राजगीर के अजातशत्रु किला मैदान में संत मोरारी बापू की राम कथा वाचन के आयोजन की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।
तब विभागीय पटना अंचल ने कार्यालय पत्रांक-4523 दिनांकः 15.01.2016 के जरिये राजगीर वीरायतन के प्रबंधक अंजनी कुमार के नाम प्रेषित पत्र में साफ लिखा था कि पुरातात्विक नियमों एवं मानकों को ध्यान में रखते हुये राजगीर स्थित स्मारकों के परिसर में इस प्रकार के आयोजन की अनुमति संभव नहीं है।
वीरायतन के प्रबंधक अंजनी कुमार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण राजगीर उप अंचल के द्वारा पटना अंचल के अधीक्षण पुरातत्वविद से अनुरोध किया था कि मानव सेवा को समर्पित वीरायतन संपूर्ण विश्व कल्याण के लिये पूज्य संत मोरारी बापू जी की राम कथा का आयोजन करने जा रही है।
इसमें तकरीबन 20,000 से 25,000 तक लोगों की आने की संभावना है और समूचे राजगीर में सिर्फ अजातशत्रु किला मैदान ही एक ऐसी जगह है, जहां यह आयोजन किया जा सकता है। इसके लिये बांस एवं कपड़े का अस्थाई पंडाल बनाने की आवश्यकता है। जिसे कार्यक्रम समाप्ति के बाद तत्काल हटा लिया जायेगा।
ऐसे में यदि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा नालंदा जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को संरक्षित व वर्जित क्षेत्र में तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोह की मंजूरी यदि येन-केन-प्रकेरेण मिल भी जाती है तो शासन व्यवस्था को लेकर राजगीर की वादियों में अनगिनत सबाल गूंजते रहेगें कि कानून के नुमाइंदों पर कानून लागू नहीं होती?