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    Thursday, May 2, 2024
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      राजीव रंजन को महँगा पड़ा शराबबंदी पर सरकार से सुर मिलाना, भाजपा से 6 साल के लिए निलंबित

      “पार्टी सूत्रों के अनुसार राजीव रंजन लगातार भाजपा के इस मांग को गलत बताते रहे थे कि जहरीली शराब से लोगों की मौत के बाद उनके परिजनों को किसी तरह का मुआवजा मिलना चाहिए। राजीव रंजन अपने बयान में कहते रहे कि बिहार में शराबबंदी है तो लोग शराब क्यों पी रहे हैं और मरने पर उन्हें मुआवजा सरकार क्यों दें…

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष राजीव रंजन को अनुशासनहीनता के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।

      Rajeev Ranjan found it costly to coordinate with the government on prohibition suspended from BJP for 6 yearsआज शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया सांसद डॉ संजय जायसवाल ने राजीव रंजन को निलंबित किए जाने संबंधित पत्र भी जारी कर दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता के पद पर रहते हुए राजीव रंजन ने पार्टी लाइन से अलग जाकर बयानबाजी की थी।

      राजीव रंजन के निलंबन पत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा कि पार्टी के जिम्मेदार पद पर होते हुए भी उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाकर बयान देने का काम किया। इसे लेकर उन्हें मौखिक तौर पर कई बार चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके राजीव रंजन पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे, जो अनुशासनहीनता को दर्शाता है।

      जायसवाल ने पत्र में आगे लिखा कि भाजपा अनुशासन से चलने वाली पार्टी है। उनके कार्यकर्ता अनुशासन के साथ राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन पार्टी भावनाओं के विपरीत बयानबाजी कर राजीव रंजन ने पद की गरिमा को धूमिल करने और पार्टी की छवि को खराब करने की भी कोशिश की। इसलिए अनुशासनहीनता की वजह से उन्हें तत्काल प्रभाव से 6 वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित किया जाता है।

      कौन हैं भाजपा से निलंबित राजीव रंजन?

      भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता के तौर पर राजनीति कर रहे राजीव रंजन 2015 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाने से पहले वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सदस्य हुआ करते थे।

      लोकसभा चुनाव 2014 में बुरी तरह से मिली हार के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था। जब नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को हटाकर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हो गए थे।

      तब जीतन राम मांझी ने जेडीयू को छोड़ अपनी खुद की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का गठन किया था। उसी वक्त राजीव रंजन ने भी जेडीयू का साथ छोड़ जीतन राम मांझी के साथ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा में शामिल हो गए थे।

      लेकिन जिस राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की, उसके बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा गए थे, वहां उनकी महत्वाकांक्षा पूरी नहीं हुई।

      लिहाजा 2015 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और भाजपा ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता के पद पर बिठाया था। लेकिन साल 2022 के अंतिम महीने में भाजपा ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।

      पार्टी लाइन से हटकर कर रहे थे बयान बाजी : प्रेम रंजन पटेल

      भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि पार्टी ने राजीव रंजन को वह सम्मान दिया जो उन्हें जनता दल यूनाइटेड और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा में नहीं मिला था।

      उन्होंने कहा कि अति महत्वाकांक्षा की वजह से वे पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान बाजी कर रहे थे।

      भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इसे लेकर प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने कई बार उन्हें पार्टी लाइन से अलग हटकर बयानबाजी किए जाने को लेकर चेतावनी भी दी थी। बावजूद इसके राजीव रंजन लगातार शराबबंदी के मामले में पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने में लगे रहे।

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