
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो रेल परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) ने घोषणा की है कि मेट्रो का ट्रायल 20 अगस्त 2025 के बाद शुरू होगा। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को अगस्त के अंत तक ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि सितंबर 2025 के अंत तक मेट्रो का व्यावसायिक परिचालन शुरू हो सके।
यह परियोजना शहरवासियों के लिए एक आधुनिक और सुगम परिवहन सुविधा का वादा करती है, जो यातायात की भीड़भाड़ को कम करने और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पटना मेट्रो के पहले चरण में आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक 6.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। इस खंड में कुल पांच स्टेशन आईएसबीटी, जीरोमाइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार ट्रैक बिछाने और ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर लगाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। चार स्टेशनों आईएसबीटी, जीरोमाइल, भूतनाथ और मलाही पकड़ी पर फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है, जबकि खेमनीचक स्टेशन का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ है।
स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए पार्किंग क्षेत्र और पहुंच मार्ग तैयार किए जा रहे हैं। पीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले एक सप्ताह में स्टेशनों पर फिनिशिंग और बुनियादी सुविधाओं का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मेट्रो ट्रेन का ट्रायल शुरू होगा।
हाल की बारिश के कारण मेट्रो के डिपो में पानी जमा हो गया है, जिससे रखरखाव और निर्माण कार्य में कुछ बाधाएं आई हैं। हालांकि अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पानी निकासी का काम तेजी से चल रहा है और ट्रैक व ओवरहेड लाइनों को पहले ही सुरक्षित किया जा चुका है। इससे ट्रायल और परिचालन की तैयारियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। डिपो को जलजमाव से बचाने के लिए अतिरिक्त उपाय भी किए जा रहे हैं। ताकि मेट्रो ट्रेनों का रखरखाव सुचारू रूप से हो सके।
बता दें कि पटना मेट्रो परियोजना की कुल लंबाई 32.5 किलोमीटर है, जिसमें से पहले चरण का 6.5 किलोमीटर का एलिवेटेड हिस्सा जल्द शुरू होने वाला है। यह परियोजना दो कॉरिडोर में बंटी है। पहला कॉरिडोर दानापुर से मिथापुर तक (17.9 किमी, अंडरग्राउंड और एलिवेटेड) और दूसरा कॉरिडोर पटना जंक्शन से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक (14.6 किमी, ज्यादातर एलिवेटेड)।
पहले चरण में शुरू होने वाला हिस्सा कॉरिडोर 2 का हिस्सा है, जो आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक जाएगा। इस खंड के शुरू होने से हजारों यात्रियों को रोजाना सुविधा मिलेगी, खासकर उन इलाकों में जहां यातायात का दबाव अधिक रहता है।
पटना मेट्रो का परिचालन शुरू होने से शहर की यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि सड़क पर वाहनों की भीड़ को कम करके प्रदूषण पर भी अंकुश लगाएगा। मेट्रो स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं जैसे लिफ्ट, एस्केलेटर, सीसीटीवी और यात्री सूचना प्रणाली से लैस किया जा रहा है। साथ ही पार्किंग और आसान पहुंच के लिए फुट ओवरब्रिज जैसे इंतजाम किए जा रहे हैं।
पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का लक्ष्य है कि पहले चरण का परिचालन शुरू होने के बाद बाकी हिस्सों का निर्माण और ट्रायल भी जल्द पूरा किया जाए। खेमनीचक स्टेशन के निर्माण में देरी के बावजूद अधिकारियों का कहना है कि इसका असर पहले चरण के परिचालन पर नहीं पड़ेगा। भविष्य में मेट्रो का विस्तार शहर के अन्य हिस्सों तक किया जाएगा, जिससे पटना एक आधुनिक मेट्रो शहर के रूप में उभरेगा।
बहरहाल पटना मेट्रो का ट्रायल और परिचालन शुरू होना शहरवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह परियोजना न केवल पटना की शहरी गतिशीलता को बढ़ाएगी, बल्कि बिहार के विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। सितंबर 2025 तक मेट्रो के परिचालन शुरू होने की उम्मीद के साथ पटनावासी अब इस आधुनिक परिवहन सुविधा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।