
लखनऊ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की अध्यक्षता में शिक्षकों के साथ आयोजित एक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) मीटिंग में अचानक पोर्न वीडियो चलने से हड़कंप मच गया। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग को शर्मसार किया है, बल्कि साइबर सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्थाओं पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल महराजगंज जिले में शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित ई-चौपाल के तहत डीएम की अध्यक्षता में एक वर्चुअल मीटिंग चल रही थी, जिसमें जिले के शिक्षक और शिक्षा अधिकारी शामिल थे। इस मीटिंग का उद्देश्य स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर चर्चा करना था। लेकिन मीटिंग के दौरान अचानक स्क्रीन पर एक अश्लील वीडियो चलने लगा, जिससे सभी प्रतिभागी स्तब्ध रह गए।
सूत्रों के अनुसार, वीडियो में अश्लील सामग्री के साथ-साथ कुछ आपत्तिजनक बातें भी सुनाई दीं, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। इस घटना के तुरंत बाद महिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने मीटिंग से तत्काल बाहर निकलने का फैसला किया। अन्य अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को तुरंत बंद कर दिया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम को हैकर्स ने निशाना बनाया हो सकता है। डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने अज्ञात हैकर्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह साइबर हमला कैसे हुआ और इसके पीछे कौन जिम्मेदार हो सकता है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम इस मामले में तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं। ताकि यह पता लगाया जा सके कि हैकिंग किस तरह हुई। दो व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, और हम जल्द ही इस मामले में प्रगति की उम्मीद करते हैं।
इस घटना ने शिक्षा विभाग में खलबली मचा दी है। शिक्षकों और अधिकारियों के बीच इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है कि इतने महत्वपूर्ण मंच पर इस तरह की लापरवाही कैसे हो सकती है। महिला बीएसए ने इस घटना को अत्यंत शर्मनाक और अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं।
स्थानीय शिक्षक संघ ने भी इस मामले की निंदा की है और मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय किए जाएं। एक शिक्षक ने कहा कि यह न केवल हमारी छवि को खराब करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमारी तकनीकी व्यवस्थाएं कितनी कमजोर हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी विभागों में ऑनलाइन मीटिंग्स के लिए उपयोग किए जाने वाले प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है। ऐसी घटनाएं तब होती हैं, जब मीटिंग लिंक सार्वजनिक हो जाते हैं या पासवर्ड पर्याप्त मजबूत नहीं होते। दो-कारक प्रमाणीकरण और सुरक्षित प्लेटफॉर्म का उपयोग इस तरह के हमलों को रोक सकता है।
डीएम ने इस घटना पर खेद जताते हुए कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, और हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। शिक्षा विभाग की बैठकों में तकनीकी सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कई लोगों ने इसे प्रशासन की लापरवाही का परिणाम बताया है, जबकि कुछ ने इसे साइबर अपराधियों की बढ़ती हिम्मत का सबूत माना है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा है कि यह शर्मनाक है कि शिक्षा विभाग की मीटिंग में ऐसा हो सकता है। सरकार को अपनी तकनीकी व्यवस्थाओं को गंभीरता से सुधारना होगा।