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NEET paper leak case: मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का सहयोगी लखटकिया गिरफ्तार

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बहुचर्चित नीट पेपर लीक घोटाले (NEET paper leak case) में बिहार पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को एक और बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में एक लाख रुपये के इनामी और कथित मास्टरमाइंड राजकिशोर कुमार को पटना के सिपारा इलाके से गिरफ्तार किया गया है।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार राजकिशोर को गुरुवार देर रात एक गुप्त ऑपरेशन में पकड़ा गया। फिलहाल, उससे गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है और इस गिरफ्तारी से नीट पेपर लीक मामले में कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।

5 मई 2024 को आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया था। इस घोटाले के मुख्य सरगना के रूप में संजीव मुखिया का नाम उभरकर सामने आया था, जिसे बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अप्रैल 2025 में पटना के सगुना मोड़ इलाके से गिरफ्तार किया था।

संजीव मुखिया पर बिहार पुलिस ने तीन लाख रुपये का इनाम रखा था। हालांकि नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई द्वारा 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल न किए जाने के कारण उसे अगस्त 2025 में जमानत मिल गई थी। फिर भी वह बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अभी भी जेल में बंद है।

अब राजकिशोर कुमार की गिरफ्तारी ने इस जांच को नया मोड़ दे दिया है। राजकिशोर संजीव मुखिया का करीबी सहयोगी माना जाता है।  उस पर भी बिहार पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

नालंदा जिले के सोहसराय निवासी शुभम कुमार के साथ-साथ अरवल के राजकिशोर कुमार को इस घोटाले में महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा था। बिहार पुलिस मुख्यालय ने अप्रैल 2025 में इन तीनों आरोपियों पर इनाम की घोषणा की थी, जिसके बाद जांच एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी थी।

सूत्रों के अनुसार बिहार पुलिस की विशेष जांच टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर सिपारा इलाके में छापेमारी की और राजकिशोर को हिरासत में लिया। इस ऑपरेशन में स्थानीय पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की संयुक्त टीम शामिल थी।

राजकिशोर से पूछताछ में पेपर लीक के नेटवर्क, इसमें शामिल अन्य लोगों और लीक प्रक्रिया के तौर-तरीकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।

नीट पेपर लीक मामले की जांच शुरूआत में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की गई थी। लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने अब तक इस मामले में 49 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई चार्जशीट दाखिल की हैं।

जांच में खुलासा हुआ कि संजीव मुखिया ने पटना के खेमनीचक स्थित लर्न प्ले स्कूल एंड बॉयज हॉस्टल में 20-25 परीक्षार्थियों को ठहराया था, जहां एमबीबीएस छात्रों (सॉल्वर्स) ने लीक हुए प्रश्नपत्रों के उत्तर तैयार किए। इन उत्तरों को उन उम्मीदवारों को 40 लाख रुपये तक के भुगतान के बदले उपलब्ध कराया गया था।

नीट पेपर लीक कांड ने न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था और प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इस मामले ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ताल्लुक रखने वाले संजीव मुखिया के कारण राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ा दी थी।

जांच में सामने आया कि पेपर लीक का यह नेटवर्क संगठित तरीके से काम करता था, जिसमें प्रश्नपत्र 48 घंटे पहले लीक किए गए और चुनिंदा उम्मीदवारों को रात भर में उत्तर रटवाए गए।

राजकिशोर की गिरफ्तारी से जांच एजेंसियों को इस घोटाले के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में मदद मिल सकती है। बिहार पुलिस और सीबीआई दोनों इस मामले में गहन जांच कर रही हैं। संजीव मुखिया की जमानत के बाद यह गिरफ्तारी जांच एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि राजकिशोर से पूछताछ में इस नेटवर्क के अन्य बड़े नामों और उनके ठिकानों का पता चल सकता है।

बिहार पुलिस ने अब तक इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि सीबीआई ने 49 आरोपियों को हिरासत में लिया है। जांच में 11.5 लाख रुपये नकद, कई वाहनों के दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप, और संपत्ति के कागजात बरामद किए गए हैं। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी संवेदनशील बना हुआ है।

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