
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजधानी पटना और बेगूसराय को जोड़ने वाला नया मोकामा-सिमरिया 6 लेन गंगा ब्रिज अब पूरी तरह से परिचालन में आ चुका है। यह ब्रिज न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से एक उपलब्धि है, बल्कि बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।
मोकामा के औंटा से बेगूसराय के सिमरिया तक फैला यह ब्रिज गंगा नदी पर बना है और इसे एशिया के सबसे चौड़े छह-लेन ब्रिजों में से एक माना जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31 (NH-31) की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में निर्मित यह ब्रिज पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर है।
पुराने राजेंद्र सेतु की मरम्मत के चलते भारी वाहनों को लगभग 100 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता था, जिससे समय और ईंधन की बर्बादी होती थी। इस नए ब्रिज ने इस दूरी को खत्म कर दिया है, जिससे वाहन चालकों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
इस ब्रिज के चालू होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। पहले ट्रैफिक जाम और लंबे रास्तों के कारण व्यापार और यात्रा में देरी आम बात थी। अब यह ब्रिज न केवल समय बचाएगा, बल्कि माल ढुलाई की लागत को भी कम करेगा। व्यापारियों का कहना है कि इस ब्रिज से बेगूसराय, खगड़िया और आसपास के क्षेत्रों में कृषि उत्पादों और अन्य सामग्रियों का परिवहन आसान हो जाएगा।
इसके अलावा यह परियोजना बिहार के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। मोकामा और सिमरिया क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। बेहतर सड़क संपर्क से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।
ब्रिज के साथ-साथ निकटवर्ती राजेंद्र पुल रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास भी तेजी से चल रहा है। इस स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जिसमें बेहतर यात्री प्रतीक्षालय, टिकट बुकिंग सिस्टम और स्वच्छता सुविधाएं शामिल हैं। यह रेलवे स्टेशन क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा, जिससे यात्रियों को सड़क और रेल दोनों मार्गों से सुविधा होगी।
इस ब्रिज को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। निर्माण के दौरान गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को न्यूनतम नुकसान पहुंचाने का ध्यान रखा गया। इसके अलावा ब्रिज की डिज़ाइन ऐसी है कि यह भूकंप और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में सक्षम है।
यह ब्रिज बिहार के विकास में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन करेगी, बल्कि बिहार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करेगी। साथ ही यह अन्य राज्यों के साथ बिहार की सड़क संपर्कता को बेहतर बनाएगा, जिससे निवेश के नए अवसर खुलेंगे।









