
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में कुल 50 से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें शिक्षा के अधिकार में संशोधन से लेकर डॉक्टरों की सेवा समाप्ति और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तक शामिल हैं। ये फैसले राज्य की जनता के लिए राहत भरे साबित हो सकते हैं, खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में। बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में इन निर्णयों को जन-केंद्रित बताया गया है, जो झारखंड की प्रगति को नई दिशा देंगे।
बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जोर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये फैसले न केवल तात्कालिक समस्याओं का समाधान करेंगे, बल्कि लंबे समय तक राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को मजबूत बनाएंगे। आइए इन प्रमुख निर्णयों पर विस्तार से नजर डालते हैं।
शिक्षा और बाल कल्याण में क्रांतिकारी कदमः बैठक का एक प्रमुख आकर्षण रहा शिक्षा से जुड़े फैसले। मंत्रिपरिषद ने ‘झारखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025’ को मंजूरी दी। इससे राज्य में बच्चों की शिक्षा को और मजबूत बनाने का रास्ता साफ होगा। इसके अलावा ‘Jharkhand Coaching Centre (Control and Regulation) Bill, 2025’ पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई, जो कोचिंग सेंटरों पर सख्त नियंत्रण सुनिश्चित करेगी और छात्रों के शोषण को रोकेगी।
आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)’ के तहत 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना और संचालन को हरी झंडी दी गई। इसी तरह ‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN)’ के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) वाले क्षेत्रों में 109 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को मंजूरी मिली। ये केंद्र न केवल पोषण प्रदान करेंगे, बल्कि शिक्षा की नींव भी मजबूत करेंगे।
मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020 (संशोधित 2022) में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया, जो विदेशी पढ़ाई के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सख्ती और सुधारः स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई कड़े फैसले लिए गए। बैठक में चार डॉक्टरों की सेवा समाप्ति को मंजूरी दी गई: डॉ. फरहाना (स्त्री रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल, गिरिडीह), डॉ. ज्योति कुमारी (धनबाद), डॉ. भावना (कोडरमा) और डॉ. इन्द्रनाथ प्रसाद (साहेबगंज)। ये फैसले अनुशासनहीनता या अन्य कारणों से लिए गए हैं, जो स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही बढ़ाएंगे।
इसके अलावा ‘Jharkhand Deceased Donor Organ and Tissue Transplantation Guidelines’ जारी करने की स्वीकृति दी गई, जो अंग प्रत्यारोपण को सुव्यवस्थित करेगी। ‘Guidelines for Recording Evidence of Vulnerable Witness, 2025’ को लागू किया जाएगा, जो गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
सुरक्षा, सड़क और बुनियादी ढांचे पर फोकसः विधि व्यवस्था को मजबूत करने के लिए झारखंड आकस्मिकता निधि से 20 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि विभिन्न जिलों को दी गई। ‘झारखण्ड राज्य सड़क सुरक्षा कोष (संशोधन) नियमावली, 2025’ को मंजूरी मिली, जो सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगी।
बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में पुनासी जलाशय योजना के लिए 1851.6774 करोड़ रुपये की तृतीय पुनरीक्षित राशि मंजूर की गई। सड़क निर्माण में कई MDR पथों के चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण को हरी झंडी मिली, जैसे सत्संगनगर-भिरखीबाद पथ पर ROB निर्माण (49.10 करोड़), रामगढ़ में बरियातु-हुन्डरू पथ (34.36 करोड़), धनबाद में निरसा-खाड़ापाथर पथ (58.07 करोड़), और चाईबासा में हाता-बड़ाचिरू पथ (75.97 करोड़)। डाल्टेनगंज में SH-10 पथ के मजबूतीकरण के लिए 104.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
बिजली क्षेत्र में बड़े निवेश: 132/33 केवी ग्रिड सब-स्टेशन चास (74.95 करोड़), 220 केवी बलियापुर-मैथन लाइन (174.36 करोड़), और अन्य कई संचरण लाइनों के लिए सैकड़ों करोड़ की मंजूरी दी गई। विश्व बैंक फंडेड DRIP Phase-II & III में राज्य की भागीदारी को स्वीकृति मिली, जो बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
सामाजिक न्याय और कर्मचारी कल्याणः कई अदालती आदेशों के अनुपालन में कर्मचारियों और उनके आश्रितों को लाभ दिए गए, जैसे स्व. गोपाल ठाकुर के आश्रित को अनुकंपा नौकरी, नवल किशोर सिंह समेत कई की सेवा नियमितीकरण, और पेंशन लाभ। अस्थायी लिपिकों की सेवा को पेंशन के लिए गिना जाएगा।
‘मुख्यमंत्री झारखण्ड अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक अनुदान एवं सहायता कोष’ का गठन किया गया, जो प्रवासी मजदूरों की मौत या घर वापसी में मदद करेगा। ‘झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया। असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए PMFME योजना में राज्यांश और विस्तार को मंजूरी मिली।
सांस्कृतिक विकास के लिए ‘झारखण्ड राज्य ललित कला अकादमी’, ‘झारखण्ड राज्य साहित्य अकादमी’, और ‘झारखण्ड राज्य संगीत नाटक अकादमी’ का गठन किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘झारखण्ड पर्यटन विकास और निबंधन अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2025’ पास किया गया।
जनगणना-2027 के लिए अधिसूचना का पुनः प्रकाशन, मैनुअल स्कैवेंजर से जुड़े विषयों को महिला एवं बाल विकास विभाग में शामिल करना, और झारखंड बजट स्थिरीकरण कोष का गठन जैसे फैसले भी लिए गए। पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के आवास को उनकी पत्नी को आजीवन आवंटित किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण फैसलेः – मदिरा थोक बिक्री के लिए JSBCL को विशेषाधिकार।
– धनबाद हवाई अड्डे पर Aeropark के लिए PPP मोड में EoI।
– गृह रक्षा वाहिनी के लिए हाइड्रोलिक रेस्क्यू वाहन (39.88 करोड़)।
– राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय, गिरिडीह के लिए 244.73 करोड़।
– झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा नियमावली में संशोधन।
ये फैसले झारखंड को एक मजबूत और समावेशी राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इनसे रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार होगा, लेकिन क्रियान्वयन पर नजर रखना जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट पर संपर्क करें।