
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार एक अभूतपूर्व बुनियादी ढांचा क्रांति के कगार पर है, जिसमें पांच महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की शुरुआत हो चुकी है। ये परियोजनाएं केंद्र सरकार की ओर से विशाल सौगात बताई जा रही है। जोकि कुल 1,626.37 किलोमीटर की लंबाई में फैली हैं और इन्हें 1,18,849.40 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
पटना-पूर्णिया, रक्सौल-हल्दिया, गोरखपुर-सिलीगुड़ी, बक्सर-भागलपुर और वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार में कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और पहुंच को नए आयाम देंगे। लेकिन इन सड़कों का बिहार के भविष्य के लिए क्या मतलब है और ये इसके लोगों के जीवन को कैसे बदलेंगी? आईए, जानते हैं।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे: 245 किलोमीटर लंबा पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 28,415 करोड़ रुपये है। यह बिहार के लिए एक विशेष उपलब्धि है, क्योंकि यह पूरी तरह से राज्य की सीमाओं के भीतर बनने वाला पहला एक्सप्रेसवे होगा। यह फोरलेन एक्सप्रेसवे एनएच-22 के मीरनगर अरेजी (हाजीपुर) से शुरू होकर नरहरपुर, हरलोचनपुर, बाजिदपुर, सरौंजा, रसना, परोरा और फतेहपुर से गुजरते हुए पूर्णिया जिले के हंसदाह में एनएच-27 से जुड़ेगा।
पहले जो यात्रा अभी 7-8 घंटे लेती है, वह अब केवल तीन घंटे में पूरी हो सकेगी। इस परियोजना में 21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 11 रेलवे ओवरब्रिज, 21 इंटरचेंज और 322 अंडरपास बनाए जाएंगे, जो निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे।
यह मधेपुरा, समस्तीपुर और सहरसा जिलों के मुख्यालयों को जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग भी प्रदान करेगा। छह जिलों में भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। जोकि 2027 की समयसीमा को पूरा करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे: 407 किलोमीटर लंबा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे, जिसकी लागत 26,407 करोड़ रुपये है, रक्सौल लैंड पोर्ट को पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट से जोड़ेगा। यह बिहार के आठ जिलों पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर और जमुई से होकर गुजरेगा। इस मार्ग में बेगूसराय के साम्हो में गंगा नदी पर एक पुल का निर्माण होगा, जो झारखंड के देवघर, दुमका और जामताड़ा जिलों को पार करते हुए हल्दिया तक पहुंचेगा।
यह एक्सप्रेसवे यात्रा समय को 17-18 घंटे से घटाकर 13 घंटे कर देगा, जिससे लगभग चार घंटे की बचत होगी। कुशल लॉजिस्टिक्स पर निर्भर व्यवसायों के लिए यह एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: 417 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, जिसकी लागत 29,724 करोड़ रुपये है, बिहार के 10 जिलों गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगा। यह गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी को 10 घंटे से घटाकर लगभग पांच घंटे कर देगा, जिससे बिहार पूर्वोत्तर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बन जाएगा।
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे: बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे बक्सर, भोजपुर, पटना, मुंगेर और भागलपुर जिलों से होकर गुजरेगा। जो यात्रा समय को 6-7 घंटे से घटाकर 3-4 घंटे कर देगा। 380 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की लागत 22,800 करोड़ रुपये है। यह मध्य बिहार में माल और लोगों की आवाजाही को तेज करेगी। इससे भागलपुर के रेशम उद्योग या बक्सर के कृषि क्षेत्र के लिए इससे क्या अवसर पैदा हो सकते हैं।
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे: 177.37 किलोमीटर लंबा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की लागत 11,206.4 करोड़ रुपये है। यह बिहार के कैमूर (51.4 किमी), रोहतास (35.5 किमी), औरंगाबाद (39.3 किमी) और गया (35.5 किमी) जिलों से होकर गुजरेगा।
यह वाराणसी से कोलकाता की यात्रा को आसान बनाएगा, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार के उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में क्या भूमिका निभा सकता है।
सरकार का मानना है कि ये एक्सप्रेसवे केवल सड़कें नहीं हैं, बल्कि ये प्रगति के मार्ग हैं। 1.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ ये परियोजनाएं बिहार सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के बीच मजबूत सहयोग को दर्शाती हैं। अधिसूचनाओं का जारी होना और चल रहा भूमि अधिग्रहण 2027 की समयसीमा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लोकिन इन्हें लेकर कई चुनौतियां बाकी हैं। भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय चिंताएं और रसद संबंधी जटिलताएं राज्य के संकल्प की परीक्षा ले सकती हैं। बिहार विकास के साथ स्थिरता को कैसे संतुलित करेगा? इन परियोजनाओं से समाज के सभी वर्गों, शहरी व्यापारियों से लेकर ग्रामीण किसानों तक को लाभ सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? बिहार इस बुनियादी ढांचे का उपयोग करके पूर्वी भारत में विकास और कनेक्टिविटी का एक शक्ति केंद्र कैसे बन सकता है?