गुवाहाटी (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन से सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राज्य में गत 13 जून से आई दूसरी बार की बाढ़ ने 50 लाख से अधिक लोगों को दर-बदर कर दिया है।
बाढ़ के कारण सड़क और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। बाढ़ से राज्य के 32 जिलों के 112 राजस्व मंडल के 4941 गांव प्रभावित हैं। वहीं बाढ़ के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान 12 लोगों की मौत हुई है।
कछार जिला मुख्यालय सिलचर शहर में बराक नदी के तटबंध टूट जाने से शहर के अधिकांश हिस्सों में पानी भर गया है। लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है।
कछार जिला मुख्यालय के अलावा दरंग, ग्वालपारा, करीमगंज और मोरीगांव जिला के भी शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियों में कपिली (धरमतुल), दिसांग (नंगलामुराघाट), ब्रह्मपुत्र (धुबरी, गोलपारा, तेजपुर, निमाटी घाट शामिल हैं। कपिली (कामपुर) नदी खतरे के निशान के आसपास बह रही है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य के 32 जिले बाढ़ से अभी भी प्रभावित हैं, जिसमें बजाली, बाक्सा, बरपेटा, बिश्वनाथ, बंगाईगांव, कछार, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, डिमा-हसाउ, ग्वालपारा, गोलाघाट, हैलाकांदी, होजाई, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग वेस्ट, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, शोणितपुर, दक्षिण सालमारा, तामुलपुर, तिनसुकिया, उदालगुड़ी जिला शामिल हैं। बाढ़ से राज्य की कुल 5457601 जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिसमें 1167219 बच्चे, 2198194 महिलाएं शामिल हैं। बाढ़ के चलते 99026.00 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी पानी में डूब गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 845 राहत शिविर स्थापित किये हैं। इसके अलावा 1026 राहत वितरण केंद्र स्थापित किये गये हैं। राहत शिविरों में कुल 271125 लोग रहे हैं, जिसमें 103072 पुरुष, 93122 महिला, 73978 बच्चे, 880 गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाएं तथा 73 दिव्यांग व्यक्ति शामिल हैं।
विभाग के मुताबिक बाढ़ के चलते पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कुल 12 लोगों की मौत हुई है। इसमें 8 पुरुष और 4 बच्चे शामिल हैं। राज्य में गत 06 अप्रैल से लेकर अब तक बाढ़ और भूस्खलन के चलते कुल 100 लोगों की मौत हो चुकी है।
बाढ़ से इंसानों के साथ ही पशु भी प्रभावित हुए हैं। प्रभावित पशुओं की कुल संख्या 3317086 बतायी गयी है, जिसमें 1677920 बड़े पशु, 818430 छोटे और 820736 कुक्कुट शामिल हैं। बाढ़ के दौरान 125 कच्चे मकान और 2 पक्के मकान समेत कुल 130 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
वहीं आंशिक रूप से 78 कच्चे तथा एक पक्का मकान समेत कुल 79 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 06 झोपड़ियां भी नष्ट हुई हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा कुल 278 नाव तैनात की गयी है।
नावों के जरिए बाढ़ में फंसे कुल 3658 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस कड़ी में 468 पशुओं को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों से नाव के जरिए निकाला गया है।
प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने कुल 291 मेडिकल टीमें तैनात की हैं। राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, असम पुलिस, जिला प्रशासन के साथ ही अन्य एजेंसियां भी लगातार कार्य कर रही हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के बीच बुधवार को विभिन्न प्रकार की भोजन सामग्रियों का वितरण किया गया, जिसमें चावल 21526.28 क्विंटल, दाल 5510.89 क्विंटल, नमक 1690.90 क्विंटल, सरसो का तेल 104943.84 लीटर, पशु का हरा चारा 20 क्विंटल, पशु चारा -गेहूं का चोकर 15810.42 क्विंटल और पशु चारा – चावल की भूसी 5929.50 क्विंटल शामिल है।
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