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    Monday, October 14, 2024
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      मगध विश्वविद्यालय में अराजकता की स्थिति, छात्र संघ के जारी धरना के बीच कर्मचारी संघ भी भड़का

      "वि वि प्रशासन के मनमानी से कर्मचारियों में भी रोष है, कर्मचारी आंदोलन का मन बना रहे हैं। यही स्थिति रही तो मगध विश्वविद्यालय में सभी कार्य ठप हो जायेगा। छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में है ही, अंक पत्र और डिग्री मिलना भी मुश्किल हो जायेगा....

      गया (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। कभी अपनी गौरवशाली और शैक्षणिक व्यवस्था के लिए चर्चित रहा मगध विश्वविधालय के छात्र, शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी आज बिहार सरकार और कुलाधिपति कार्यालय के आपसी विवाद के बीच पीस रहे हैं।

      दूसरे विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के प्रभार में चल रहे मगध विश्वविद्यालय में इन दिनों पूरी तरह से अराजक स्थिति बनी हुई है। छात्र छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित है तो वहीं दूसरी ओर सत्र के बिलंब होने से भी यहां के छात्रों का भविष्य अधर में पड़ गया है।

      शैक्षणिक व्यवस्था को ठीक करने व अन्य मांगों को लेकर विभिन्न छात्र संघ लंबे समय से धरना पर बैठे हैं। अब तो विश्वविद्यालय के प्रभारी पदाधिकारियों ने शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी आंदोलन करने को बाध्य कर दिया है।

      पाटलिपुत्र विश्वविधालय के कुलपति आर के सिंह यहां के कुलपति के प्रभार में हैं, वहीं जेपी विश्व विद्यालय के कुलसचिव यहां के कुलसचिव के प्रभार में हैं।

      मगध विश्वविधालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेश कुमार को मगध विवि मुख्यालय से तबादला कर नबीनगर कॉलेज कर दिया गया है।

      विवि प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ आज शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए विवि प्रशासन से अपने अध्यक्ष का स्थानांतरण रद्द करने की मांग की है, अन्यथा विवि मुख्यालय को अनिश्चित काल तक बंद करने की धमकी दी है। पिछले एक साल से मगध विश्वविद्यालय में अराजक स्थिति बनी हुई है।

      कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद समेत अन्य चार पदाधिकारी करोड़ों रुपए के गबन के आरोप में फंसे हैं। कई तो पांच महीने से अधिक समय तक जेल में भी रह कर बेल पर बाहर निकल सके। कुलपति अभी तक फरार ही चल रहे हैं।

      बताया जाता है कि मगध विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच एसबीयू कर रही है। जो लोग जांच एजेंसी को मदद कर रहे हैं, उन्हें कुलाधिपति कार्यालय के निर्देश पर वि वि प्रशासन टारगेट में लेकर तबादला कर दे रहा है।

      पिछले दिनों वि वि के दो वरिष्ट शिक्षक को दो अलग अलग कॉलेजों में स्थानांतरण कर दिया था। बाद में पटना हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन दोनों का तबादला रुका था। इन दोनों शिक्षक सरकार की जांच एजेंसी को मदद कर रहे हैं।

      दरअसल, बिहार सरकार चाहती है कि मगध विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच हो, जबकि जो स्थिति सामने है, उसमें कुलाधिपति कार्यालय खुलकर पूर्व कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की मदद करने में लगा है।

      इसी प्रकार मगध विश्वविधालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेश कुमार को कल नबीनगर कॉलेज में तबादला कर दिया गया है। क्योंकि वे सरकारी जांच एजेंसी को मदद कर रहे थे।

      वि वि प्रशासन के मनमानी से कर्मचारियों में भी रोष है, कर्मचारी आंदोलन का मन बना रहे हैं। यही स्थिति रही तो मगध विश्वविद्यालय में सभी कार्य ठप हो जायेगा। छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में है ही, अंक पत्र और डिग्री मिलना भी मुश्किल हो जायेगा।

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