सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। दिल्ली से राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री से सम्मानित सरायकेला के बीरबांस निवासी छुटनी महतो गुरुवार देर शाम सरायकेला पहुंची। यहां जगह- जगह पद्मश्री छुटनी महतो का भव्य नागरिक अभिनंदन किया गया।
इसी क्रम में रांची से लौटते पर कांड्रा में छुटनी महतो का भजपाइयों ने ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया।
उसके बाद जैसे ही छुटनी अपने गांव बीरबांस पहुंची, वहां गुरुवार शाम उत्सव का नजारा दिखा। जिस छुटनी के नाम से कल तक लोग घृणा करते थ, डायन समझ उससे बात करना तो दूर उसकी परछाईं से भी दूर भागते थे, आज उसी गांव में पद्मश्री सम्मान लेकर पहुंची छुटनी का भव्य नागरिक अभिनंदन किया गया।
उन्होंने पीएम मोदी को अपना धर्म भाई बताया। और कहा कि उसका जीवन धन्य हो गया। उसके जीवन का मकसद यही है कि जिस कुप्रथा की शिकार वह हुई, उसे समाज से जड़ सहित उखाड़ फेंकना है और यह तभी संभव है, जब हर पंचायत में एक छुटनी पैदा हो। अब इसी के लिए काम करना है।
इधर बीरबांस पंचायत के मुखिया घनश्याम हांसदा ने छुटनी महतो के संघर्ष की सराहना की और उन्हें पूरे पंचायत का गौरव बताया।
वहीं जिप प्रत्याशी अख्तर हुसैन ने छुटनी महतो को आदर्श बताया और कहा कि आज उन्हें ज्ञात हुआ है कि छुटनी महतो क्या थी।
उन्होंने कहा पूरा जिला छुटनी को मिले सम्मान से गौरवान्वित हुआ है। उसके विदित रहे कि बीते 9 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में डायन उन्मूलन के खिलाफ आंदोलन चलनेवाली छुटनी महतो को साल 2020- 21 के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है।
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