मुंगेर यूनिवर्सिटी की लचर व्यवस्था से त्रस्त ABVP छात्रों का फूटा गुस्सा

लखीसराय (मुरारी कुमार / एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। मुंगेर यूनिवर्सिटी की अनियमितताओं और लापरवाह रवैये के खिलाफ छात्र-छात्राओं का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। लखीसराय के पुरानी बाजार स्थित के.एस.एस. कॉलेज के मुख्य द्वार पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बैनर तले आक्रोशित छात्रों ने कुलपति और परीक्षा नियंत्रक का पुतला दहन किया। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन की कार्यशैली को आड़े हाथों लिया।
छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी द्वारा लगातार परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी, निर्धारित समय पर परीक्षा न लेना, कॉलेजों में अवैध शुल्क वसूली और प्रशासनिक लापरवाही की घटनाएं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। इस वर्ष भी परीक्षा परिणाम में कई छात्रों को बिना किसी कारण अनुपस्थित दिखा दिया गया, जिससे उन्हें उसी विषय की परीक्षा दोबारा देनी पड़ रही है। इससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है।
ABVP के छात्र नेताओं ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब मुंगेर यूनिवर्सिटी सवालों के घेरे में है। बीते कई वर्षों से छात्र ऐसे ही मुद्दों को लेकर परेशान हैं, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है। यदि यूनिवर्सिटी प्रशासन जल्द ही अपनी गलतियों में सुधार नहीं करता, तो छात्रों द्वारा बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।
छात्रों ने आरोप लगाया कि के.एस.एस. कॉलेज और आर. लाल कॉलेज, लखीसराय के प्रिंसिपल्स और मुंगेर यूनिवर्सिटी के कुलपति के बीच समन्वय की भारी कमी है। कॉलेजों में पंजीयन, एडमिट कार्ड, सर्टिफिकेट आदि के लिए छात्रों से यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित राशि से अधिक वसूली की जाती है। इससे छात्र आर्थिक रूप से भी शोषण का शिकार हो रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि मुंगेर यूनिवर्सिटी की लगातार बिगड़ती व्यवस्था के चलते क्षेत्र के अधिकतर छात्र अब दूसरे विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में दाखिला लेना बेहतर समझ रहे हैं। इससे मुंगेर यूनिवर्सिटी की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ABVP के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि परीक्षा परिणाम में सुधार कर छात्रों को न्याय दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि यह लापरवाही नहीं रुकी तो यूनिवर्सिटी मुख्यालय का घेराव किया जाएगा और राज्यस्तरीय आंदोलन किया जाएगा।
शिक्षाविदों का मानना है कि किसी भी यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली छात्रों के भविष्य से जुड़ी होती है। यदि समय पर परीक्षा न हो, परिणामों में गड़बड़ी हो और अनावश्यक शुल्क वसूला जाए, तो यह छात्रों के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। प्रशासन को चाहिए कि वह पारदर्शी और जिम्मेदार तरीके से छात्रों की समस्याओं का समाधान करे।