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    Monday, May 6, 2024
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      कहीं फिर खंडहर बन धाराशाही न हो जाए करोड़ों के आवास

      -मुकेश भारतीय-

      रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड मुख्यालय भवन परिसर में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सुख-सुविधा के लिए करोड़ों के आवास बना दिए गये हैं लेकिन वे रांची शहर की जीवनशैली छोड़ने को कतई तैयार नजर नहीं आते। लोगों को आवास आवंटन करने वाले प्रखंड विकास पदाधिकारी का आवास पूर्णतः तैयार हो जाने बाबजूद वे आवास में नहीं रहते तो भला उनके कनीय लोग किसी आदेश का क्या खाक अनुपालन करेगें।

      ओरमांझी प्रखंड-अंचल मुख्यालय के कार्यशील होने के समय भी सभी कर्मियों के लिए आवास का निर्माण कराया गया था। सीओ-बीडीओ के लिए तो आलीशान महल तैयार था लेकिन उन आवासों में कभी कोई नहीं रहा और सब जीर्ण-शीर्ण होकर धाराशाही होकर रह गए।

      उन्हीं आवासों को तोड़ कर पुनः नये आवास बनाये गये हैं। जिसमें सारी सुविधाएं बहाल करा दी गई है। फिर भी अधिकारियों और कर्मचारियों का नहीं रह पाना एक मात्र सबाल खड़ा करता है कि वे लोग राजधानी का रंग छोड़ने को तैयार नहीं हैं और आम जनता के हित में मुख्यालय में रहना पसंद नहीं करते।

      अंचल और प्रखंड मुख्यालय का निरीक्षण करने पर साफ पता चलता है कि शायद ही कोई कर्मचारी- अधिकारी समय पर अपने काम पर पहुंचते हों। बात करने पर सिर्फ यही सुनने को मिलता है कि रांची से आने में लेटलतीफ तो होगें हीं।

      बहरहाल, करोड़ो की लागत से बने महल के प्रति यही व्यवहार जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं कि ये भी जल्द ही जीर्ण-शीर्ण हो जाएगें और फिर निकम्मे कर्मियों को बहाना मिल जाएगा कि आवास अब रहने लायक नहीं रहे।

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