Home गांव-देहात 25 लाख के इनामी नक्सली का DIG-SP-DDC  के समक्ष यूं सरेंडर

25 लाख के इनामी नक्सली का DIG-SP-DDC  के समक्ष यूं सरेंडर

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“सरेंडर के दौरान बलबीर महतो को डीआईजी, एसपी और डीडीसी ने सरकार सरेंडर नीति के तहत मौके पर दो लाख नगद के साथ उस पर रखी 25 लाख के इनाम की राशि का चेक देने के साथ शॉल ओढ़ाकर और बुके देकर सम्मानित कर उसका उत्साह बढ़ाया….”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। पीरटांड और संथाल परगना क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके 25 लाख का इनामी माओवादी सह पूर्वोतर बिहार के स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य बलबीर महतो उर्फ रोशन दा ने गुरुवार को गिरिडीह में सरेंडर कर दिया।

इनामी माओवादी बलबीर ने गिरिडीह के नवनर्मित पुलिस लाइन में उत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के डीआइजी पंकज कंबोज, गिरिडीह एसपी सुरेन्द्र झा और डीडीसी मुंकुद दास के समक्ष सरेंडर किया।

NAKSALI SARENDERउत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के डीआइजी पंकज कंबोज ने बताया कि पुलिस ने बलबीर के परिजनों को झारखण्ड सरकार के सरेंडर पॉलिसी की अहमियत को बताते हुए जागरूक किया। 

गिरिडीह पुलिस की इसी जागरूकता अभियान का नतीजा है कि बलबीर ने आज गिरिडीह पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।

उन्होंने बताया कि नक्सली सरेंडर करें नहीं तो पुलिस की कार्रवाई झेलने को तैयार रहें। कहा कि बलबीर महतो को सरकार द्वारा प्रदत्त सभी सुविधाएं दी जायेगी।

कार्यक्रम के दौरान एसपी सुरेन्द्र झा ने बलबीर के संरेडर को पुलिस की उपलब्धि बताते हुए कहा कि अब हर माओवादियों को आत्मसर्मपण पर विचार करने की जरुरत है।

राज्य सरकार की संरेडर पॉलिसी की सराहना करते हुए एसपी ने इलाके के माओवादियों के लिए कहा कि सरकार की संरेडर पॉलिसी नीति हर माओवादी का इंतजार कर रही है।

हालांकि एसपी ने संबोधन के दौरान इलाके के माओवादियों को इशारों में ही चेतावनी भी दी कि या तो संरेडर कर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर योजनाओं का लाभ उठाएं, नहीं तो पुलिस की गोली खाने के लिए भी तैयार रहें।

डीडीसी मुंकुद दास ने पीरटांड की शांति में बलबीर के संरेडर को विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कहा कि सरेंडर नीति के तहत जो फायदा राज्य सरकार से मिलना चाहिए। वह समय रहते बलबीर को प्रशासन की ओर से दिया जाएगा। जिसमें खेती योग्य 4 डिस्मिल जमीन के साथ आवास योजना का लाभ समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं। संरेडर करने वाले माओवादी के बच्चे की 12वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था सरकार को ही उठानी है।

संबोधन के दौरान डीडीसी ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही बलबीर के पीरटांड थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव स्थित घर में कर्मचारी को भेज कर उसके परिवार की आर्थिक स्थिति का आकलन कराया जाएगा।

बलबीर के सरेंडर करने से गिरिडीह पुलिस काफी उत्साहित है। क्योंकि बलबीर के खिलाफ गिरिडीह समेत संथाल परगना में डेढ़ दर्जन से अधिक नक्सली केस दर्ज है। जिसमें मुख्य रूप से गिरिडीह के औद्योगिक क्षेत्र स्थित अजीडीह में कैदी वाहन पर हमला और दुमका एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या शामिल है।

इधर कार्यक्रम में एएसपी दीपक कुमार के अलावे प्रशिक्षु आइएएस प्रेरणा दीक्षित, प्रशिक्षु आईपीएस नाथु सिंह मीना, सीआरपीएफ के द्वितीय कमांडेट अनिल शर्मा, तिलकराज, एसडीपीओ जीतवाहन उरांव, डीएसपी संतोष मिश्रा, एसडीपीओ विनोद महतो, नीरज सिंह समेत कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

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