रांची (संवाददाता)। जिले के सिल्ली प्रखंड में क्रियान्वित विकास योजनाओं को लेकर भौचक कर देने वाली सूचनाएं सामने आई है। कहते हैं कि आंगनबाडी केन्द्रों को शिलान्यास करने पहुंचे स्थानीय सिल्ली विधायक अमित कुमार महतो यह देख कर दंग रह गये कि प्रखंड विकास पडाधिकारी और कनीय अभियंता ने उन्हें जिन भवनों की आधारशिला रखने के लिये आमंत्रित किया है, वहां निर्माण कार्य जारी है और करीब 20-30 प्रतिशत निर्माण कार्य हो भी चुका है।
प्रखंड विकास पडाधिकारी ने कहा कि ऐसा निर्माण कार्य मुखिया करवा रहीं हैं लेकिन, मुखिया ने कहा की वह कार्य नहीं करवा रही है, बल्कि प्रखंड विकास पडाधिकारी ने लगाम गांव के आदमी को ठेका पर काम दे दिया है। जबकि मनरेगा से बनने वाले कार्य ठेका पर नहीं करवाये जा सकते हैं।
ग्रामीणों के अनुसार आस पास के लोगों को काम नहीं दिया गया है और दूसरे जगह के मजदूरों को कार्य में लगाया गया है, जबकि मनरेगा के कार्य में आस पास के लोगों से ही काम लेने का प्रावधान है।
इस निर्मांण कार्य में की जा रही अनियमितत्ता को स्थानीय लोगों की उपस्थिति में विभागीय अधिकारी (प्रखंड विकास पडाधिकारी और कनीय अभियंता) नें स्वीकार भी किया।
सबसे बड़ी बात कि विधायक को विभागीय अधिकारियों ने गुमराह कर पूर्व से बन रहे आंगनबाडी भवनों का शिलान्यास के लिये ले जाया गया, जो विधायिका की गरीमा पर प्रहार है और विशेषाधिकार का हनन है।
लुपूंग गांव में पूर्व से ही आंगनबाडी केन्द्र होने के बावजूद नये केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें अधिकारियों की मनमानी और सरकारी धन की लूट साफ झलकती है।
अधिकारियों की उपस्थिति में ही तिरला गाँव में बन रहे आंगनबाडी केन्द्र भवन का DPC की मोटाई जांच में मात्र 2 इंच पाई गयी, वह भी बिना छड़ के।
हलमाद गांव में बन रहे आंगनबाडी केन्द्र भवन के बीचो बीच कटे हुए पेड का धड़ मौजूद है, जो निर्माण में हो रही अनियमितता को दर्शाता है।
सरकार द्वारा स्वीकृत ढ़ांचे के अनुसार निर्माण भी नहीं पाया गया, कहीं पर 6 पिलर तो कहीं पर 9 पिलर पाये गये।
इसे लेकर झुंझलाये विधायक अमित महतो ने कहा कि विभागीय अधिकारी बिचौलियों से सांठ गांठ कर विभागीय योजनाओं की राशि का लूट खसोट कर रहे हैं और गरीब मजदुरों को काम न उपलब्ध करवा कर शोषण कर रहे हैं।