ओरमांझी। प्रखंड मुख्यालय से बामुश्किल एक किमी दूर एनएच-33 फोरलेन मार्ग से सटे राजकीय मध्य विद्यालय चकला के मेन गेट एवं उसके सामने सड़क पर बजबजाती नाली का पानी जमा है। बच्चों को उसी गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। पिछले पांच वर्षों से किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा हैं। जबकि इस नाली में पूरा पाहन टोली बस्ती के घरों के नाली का पानी इसी नाली में गिरता है। उन घरों में मुखिया (पूर्व जिप सदस्य), वार्ड सदस्य, पूर्व मुखिया, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष, ग्राम प्रधान और सांसद महोदय तक के घरों के गंदे पानी भी बहते हैं। बारिस होने पर स्थिति काफी नरकीय हो जाता है। समूचा स्कूल परिसर नाली के पानी से गंदा तालाब नजर आता है।
इस परिसर में प्रखंड संकुल संसाधन केन्द्र के आलावे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय भी अवस्थित है। गंदे पानी के जमाव से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। पठन-पाठन के दौरान दिन में ही कमरों में शिक्षक मॉर्टिन की टिकिया जला कर पढ़ाते हैं। जिन कमरों में यह व्यवस्था नहीं होती, वहां के बच्चे पढ़ते कम और मच्छरों से निपटते अधिक हैं।