बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के पौराणिक व आध्यात्मिक मलमास मेला सैरात भूमि पर अवैध ढंग से जमाबंदी कायम और लगान निर्धारण करने-कराने के मामले में अभी कुल 4 लोगों के खिलाफ स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज की गई है।
राजगीर बिचली कुंआ निवासी पुरुषोतम प्रसाद द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार में दायर एक वाद की सुनवाई के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के अंतरिम आदेश का पालन करते हुये आज गुरुवार को राजगीर डीसीएलआर ने राजगीर थाना में तत्कालीन डीसीएलआर, अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी सहित अवैध रूप से जमाबंदी व लगान निर्धारण करने-कराने वाले दोषियों के उपर जांचोपरांत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है ।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के आदेश के आलोक में मेला सैरात भूमि पर काबिज बड़े अतिक्रमणकारी भू-माफिया शिवनंदन प्रसाद , तत्कालीन डीसीएलआर उपेन्द्र झा , अंचलाधिकारी आनंद मोहन ठाकुर एव राजस्व कर्मचारी अनिल कुमार पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बता दें कि वर्ष 2001 में विभागीय सांठगांठ से मलमास मेला सैरात भूमि की अतिक्रमित जमीन को फर्जी तरीके से शिवनंदन प्रसाद ने जमीन का जमाबंदी कायम कराने के आलावे उसका लगान भी निर्धारण करा लिया था।
उल्लेखनीय है कि मलमास मेला सैरात की कूल भूमि 73 एकड़ 03 डिसमिल है और इस सैरात भूमि पर व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण किये जाने का खुलासा पिछले वर्ष जुलाई माह मे सामने आया था।
राजगीर के आरटीआई एक्टिविस्ट पुरुषोतम प्रसाद द्वारा लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार में दायर वाद की सुनावाई के दौरान अपने अंतरिम आदेश में पटना प्रमंडलीय आयुक्त आन्नद किशोर ने नालंदा के डीएम के अधिकृत लोक प्राधिकार को 24 घंटे के अंदर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 36 घंटे के भीतर रिपोर्ट करने के निर्देश दिये थे।
आज हुई एफआईआर को लेकर हमारे एक्सपर्ट मीडिया न्यूज रिपोर्टर को नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने कुछ बताने से साफ इंकार करते हुये कहा कि इस पर वे कुछ नहीं बता सकते। नालंदा डीएम ही कुछ बता सकते हैं।
हमारे रिपोर्टर के अनुसार इस संबंध में दर्जनों बार फोन करने के बाबजूद नालंदा डीएम डॉ. त्यागराजन एस एम से संपर्क नहीं हो पाया।