“बिहार के अपराधियों और बाहुबली राजनेताओं के हाथ एके-47 व एके-56 जैसे हथियारों की पहली खेप तब लगी, जब पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 17 दिसम्बर 1995 को एक विमान से रहस्यमय ढंग से एके-47 और एके-56 जैसे 500 रायफल 25 हजार राऊंड कारतूस, एक दर्जन राकेट लांचर व हथगोले गिराए गए…….”
पटना (विनायक विजेता)। बिहार में एक बार फिर से आम पब्लिक के लिए प्रतिबंधित अत्याधुनिक एके-47 जैसे रायफल की गुंज सुनाई पड़ने लगी है। 5 फरवरी 2016 को पटना के जेठुली के पास भाजपा नेता वृजनाथी सिंह और बीते सितम्बर माह में मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर व भाजपा नेता समीर कुमार की हत्या में हुए एके-47 के प्रयोग के बाद फिर से यह हथियार चर्चा में आ गया।
इसी बीच मुंगेर से लगातार पकड़े जा रहे दर्जनों एके-47 और उसके पार्ट पूर्जे ने बिहार सहित देश के शीर्षस्थ खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। एके-47 जैसे अत्याधुनिक रायफल रखने का शौक सिर्फ पेशेवर व दुर्दान्त अपराधियों को ही नहीं वरन बिहार के कई बाहुबली राजनेताओं को भी है।
राजद के पूर्व सांसद सांसद शहाबुद्दीन के पास जहां एक दर्जन से अधिक एके-47 हैं। वहीं पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडे के पास लगभग आधा दर्जन एके-47 रायफल मौजूद हैं। इस बात का 1999 में ही खुलासा किया था सुनील पांडे के काफी करीबी व रिश्तेदार नंदगोपाल पांडे उर्फ फौजी ने।
7 फरवरी 1999 को जब विक्रमगंज पुलिस द्वारा पहली बार फौजी को गिरफ्तार किया गया था, तब फौजी ने पुलिस के सामने दिए गए अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा था कि ‘श्रीनगर के एक गांव से कुछ एके-47 रायफल मंगवाए गए थे, जिनमें से 8-10 रायफल सांसद शहाबुद्दीन ने, 4 रायफल सुनील पांडे ने, 4 रायफल यूपी के विधायक अजय राय ने और 4 रायफल रांची वाले अनिल शर्मा ने लिया।
अनिल शर्मा ने बाद में यह हथियार रणवीर सेना को दे दिया।’ गौरतलब है कि ऐसे ही एक एके-47 को शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर में पुलिस मुटभेड़ के बाद पुलिस ने बरामद किया था, जबकि दूसरा रायफल भोजपुर पुलिस ने रणवीर सेना की उत्तपति माने जाने वाले गांव बेलाऊर निवासी बूटन चौधरी के पास से बरामद किया था। बूटन चौधरी चर्चित बाथे नरसंहार सहित कई कांडों में आरोपित रहा है।
अपने स्वीकारोक्ति बयान में तब फौजी ने यह भी सनसनीखेज खुलासा किया था कि कभी सीलू मिंया जैसे कुख्यात का शागिर्द रहे सुनील पांडे के कहने पर ही वो सभी ने मिलकर सीलू मिंया की हत्या सुनील पांडे के गांव नवाडीह में करने के बाद उसकी लाश वहीं पास के नहर में फेक दी थी।
तब प्रमाण के तौर पर फौजी ने पुलिस को एक तस्वीर भी दी थी जिसमें सुनील पांडे सीलू मिंया की बाईं ओर हाथ में एके-47 लिए चलते दिखाई पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि दो दशक पूर्व सीलू मिंया ने ही पटना में विधायक अशोक सिह की दिनदहाड़े उनके सरकारी आवास में बम मारकर हत्या कर दी थी, जिस मामले में पूर्व सांसद प्रभूनाथ सिंह भी आरोपित किए गए थे।
बाद में फरार हो गए नंदगोपाल उर्फ फौजी को बीते वर्ष एसटीएफ की टीम ने झारखंड से गिरफ्तार किया था जहां वह अपना नाम और पहचान बदल कर रह रहा था। अजय राय फिलवक्त बनारस से कांग्रेस के विधायक हैं।
ऐसा नहीं कि बिहार में शहाबुद्दीन या सुनील पांडे ही इक्के-दुक्के ऐसे बाहुबली राजनेता है जिनके पास इस तरह के हथियार हैं। बिहार में पहली बार एके-47 का प्रयोग मुजफ्फरपुर में उस वक्त उत्तर बिहार का डॉन माने जाने वाले अशोक सम्राट ने किया था। उसने अपने गुरु मिनी नरेश की हत्या का षड्यंत्र रचने वाले चंदेश्वर सिंह की हत्या इसी हथियार से उस वक्त उनके आवास के दरवाजे पर किया जब चंदेश्वर सिंह अपने बेटे के तिलक समारोह की तैयारी में लगे थे।
बिहार के अपराधियों और बाहुबली राजनेताओं के हाथ एके-47 व एके-56 जैसे हथियारों की पहली खेप तब लगी, जब पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 17 दिसम्बर 1995 को एक विमान से रहस्यमय ढंग से एके-47 और एके-56 जैसे 500 रायफल 25 हजार राऊंड कारतूस, एक दर्जन राकेट लांचर व हथगोले गिराए गए।
इनमें से आधे हथियार तो अगले दिन पुलिस ने जब्त कर लिए पर आसपास के ग्रामीणों द्वारा छुपाए गए आधे हथियार औने-पौने दाम में झारखंड में बेच दिए गए जहां से यह हथियार बिहार के बाहुबलियों और दुर्दान्त अपराधियों के पास पहुंच गए।