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नहीं गई अस्थावां विधायक की अकड़, अंततः नालंदा सांसद ने हाथ जोड़ यूं मांगी माफी, सदर अस्पताल की हड़ताल खत्म

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नालंदा जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के पहल पर बिहार शरीफ सदर अस्पताल में चल रहे चिकित्सकों की अनिश्चित कालीन हड़ताल खत्म हो गई है। उन्होंने थोड़ी देर पहले सदर अस्पताल पहुँच कर अस्थावां विधायक डॉ जितेंद्र कुमार द्वारा चिकित्सको के साथ अभद्र व्यवहार के लिए हाथ जोड़ कर माफी मांगी। इसके बाद अस्पतालकर्मियों ने सांसद का सम्मान करते हुए हड़ताल खत्म कर दी। इसके साथ ही अस्पताल में सारी सेवाएं बहाल हो गई है……………….”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (बिहार शरीफ ब्यूरो)। बता दें कि  जदयू विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार द्वारा डाक्टरों और सिविल सर्जन के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने के कारण आज तीसरे दिन भी बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इमरजेंसी छोड़ सभी सेवाएं ठप थी। 

इस हड़ताल के कारण प्रसूती वार्ड में कई नवजात की हालत बिगड़ गयी है, जिससे परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कई नवजात को निजी क्लिनिक में ले जाना पड़ा। इसके अलावे डिलेवरी भी नहीं हो रही थी।nalanda mp 2

दरअसल यह पूरा मामला मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का है। जहाँ उनके ही विधायक की सरेआम दादागिरी देखने को मिली थी। कहा जाता है कि एक जदयू नेता की संदेहास्पद मौत हो गयी थी, जिसे पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया।

शव के साथ अस्पताल पहुंचे अस्थावां के विधायक डॉ जितेंद्र कुमार ने मौजूद डॉक्टर से  पोस्टमार्टम रिपोर्ट तुरंत देने को कहा। इस पर डॉक्टर ने असमर्थता जताई। फिर क्या था विधायक जी भड़क गए और सिविल सर्जन को अस्पताल की कुव्यवस्था का हवाला देते हुए फटकार लगाने लगे।

इस दौरान विधायक के बिगड़े तेवर को देख सिविल सर्जन हाथ जोड़ कर माफी मांगने लगे। इस बीच विधायक के गुर्गों ने भी खूब बदतमीजी करते देखे गए।  इसके अलावे विधायक ने दो और चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार किया।

जिससे नाराज बिहार शरीफ सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा को ठप्प कर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया। जिससे दूर दराज से आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हड़ताल पर गए चिकित्सकों का कहना था कि विधायक बिना पोस्टमार्टम के नेचुरल डेथ का सर्टिफिकेट देने को कहा। इस पर वे राजी नहीं हुए।

ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ पवन कुमार का कहना था कि पोस्टमार्टम की जो प्रकिया है, उसे बिना पूरे किए हुए कोई अपना ओपिनियन नही दे सकता है।

कहा जाता है कि सारे थाना इलाके के बड़ेपुर गाँव में जदयू नेता जितेंद्र यादव की संदेहास्पद स्थिति में सुप्तावस्था में मौत हो गयी थी। इसके बाद मौत के कारणों को जानने के लिए परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल लाये थे। उनके साथ अस्थावां विधायक डॉ जितेंद्र कुमार भी थे।

जहाँ उन्होंने बिना पोस्टमार्टम के मौत के कारणों पर अपनी मर्जी के अनुसार रिपोर्ट देने को कहा। बात बढ़ता देख नालंदा के सिविल सर्जन भी अस्पताल पहुँचे तो उनके साथ भी विधायक ने अभद्र व्यवहार किया।

इस बात की जानकारी जब अन्य चिकित्सको और कर्मियों को हुई तो वे लोग शांतिपूर्ण विरोध करते हुए ओपीडी सेवा को ठप्प कर हड़ताल पर चले गए।

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