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इस हाई प्रोफाईल केस में बोले SHO- ‘बरामदगी हो न गई भाई, अब आगे जांच चल रही है’

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एक ओर केन्द्र व राज्य सरकारें अंर्तजातीय विवाह को बढ़ावा देती रही है, वहीं पटना में रहने वाले छात्र रालासपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवि उज्जवल को अंर्तजातीय विवाह कितना महंगा पड़ेगा, सपने में भी नहीं सोचा था….

ravi ujjwal kidnaping patna policeपटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज/खबर मंथन)। रवि ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपनी ही पार्टी के प्रदेश महासचिव सत्यानंद दांगी की पुत्री रेणुका रानी से बीते वर्ष अगस्त माह में प्रेम विवाह कर लिया था।

इस विवाह के बाद से ही दांगी परिवार रवि से खफा था। कई बार उसे तलाक देने के लिए धमकियां भी मिल चुकी थी।

प्रेम विवाह करने का पहला खमियाजा रवि को अपने पद से हटाए जाने के रुप में मिला। रवि उज्जवल बीते 25 अगस्त की शाम अपने शिवपुरी सिथत आवास से रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। उसका मोबाइल का स्वीच भी ऑफ आ रहा था।

तब थकहार कर उसके बड़े भाई ने 29 अगस्त को कदमकुंआ थाने में प्राथमिकी दज्र करते हुए सत्यनारायण दांगी और उनके बेटे रवि रंजन पर अपने भाई का अपहरण कराने की आशंका प्रकट करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई।

सरकार की सहयोगी पार्टी  में एक महत्वपूर्ण पद पर होने के कारण पटना पुलिस ने इस मामले में ऐसी कोई गंभीरता नहीं दिखाई, जैसा वह अन्य मामलों में दिखाती है।

बीते 7 सितम्बर को रवि को मुंगेर जिला के नया राम नगर थाना पुलिस ने भागलपुर-पटना रोड सिथत चंदनपुर गांव के पास से बरामद किया।

सड़क पर गिरे रवि के हाथ बंधे थे और शरीर पर चोट के काफी निशान थे।

बरामदगी के बाद रवि ने बयान दिया कि प्रेम विवाह से कुपित उसके ससुर के इशारे पर उसका अपहरण किया गया, एक हजार के स्टांप पेपर पर उससे जबरन हस्ताक्षर कराए गए।

कई दिनों तक उसे एक फ्लैट में बंधक बना कर रखने के बाद अपहर्ता उसकी हत्या की नियत से लकर जा रहे थे। पर चंदनपुर गांव के पास अपहर्ताओं को पुलिस द्वारा पीछा किए जाने का शक हुआ तो उसे चलती गाड़ी से धकेल कर फरार हो गए।

मुंगेर पुलिस की सुचना पर कदमकुआं पुलिस 7 सितम्बर की शाम रामनगर थाना पहुंची और वहां से रवि उज्जवल को पटना लाया गया।

अपहृत रवि अगर किसी बड़े परिवार का होता या उसकी राजनीतिक पहुंच ऊपर की होती आरोपित विपक्षी पार्टी के होते तो पटना पुलिस ने अबतक आसमान सिर पर उठा लिया होता।

इस मामले में पटना की सजग माने जाने वाली मीडिया का भी दोहरा चरित्र सामने आ रहा है।

शेल्टर होम सहित कई मामलों में सरकार और पुलिस को कार्यवाई करने के लिए बाध्य कर देने वाली मीडिया और विपक्षी नेताओं की इस मामले में चुप्पी भी बहुत कुछ सवाल खड़ा कर रहा है।

इस मामले में हुई प्रगति के बाबत पूछ जाने पर कदमकुआं थानाध्यक्ष का दो यह जवाब था कि ‘ बरामदगी हो न गई भाई! अब आगे की जांच चल रही है।’

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