एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिला बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह न्यायकर्ता मानवेन्द्र मिश्रा की अदालत ने आज वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Covid-19) सतर्कता को लेकर व्हाट्सएप्प वीडियो कॉलिंग का सहारा लिया और अनेक मामलों की सुनवाई के बीच चार बाल किशोर कैदियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया…
अभियोजन अधिकारी राजेश पाठक ने बताया कि जमानत पर रिहा किए गए सभी चार किशोरों को सौंपने के पूर्व उनके अभिभावकों के स्वास्थ्य की भी जांच की गई। तत्पश्चात समान्य स्वास्थ्य पाकर उन्हें जमानत पर रिहा हुए बच्चों को सौंप दिया गया।
श्री पाठक ने बताया कि अन्य बच्चों के अभिभावक इस लॉकडाउन की अवधि में खान-पान, स्वास्थ्य असुविधा के चलते अपने साथ ले जाने को तैयार नहीं हुए। इसीलिए उन्हें दीपनगर बाल पर्यवेक्षण गृह में ही रखा गया है।
इस मौके पर न्याय परिषद सदस्य धर्मेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
बता दें कि इस पर्यवेक्षण गृह में कुल 17 किशोर जघन्य अपराधों के आरोप में आवसित हैं। यहां कुल 50 किशोर को आवसित रखने की व्यवस्था है।
इस पर्यवेक्षण गृह में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुये विशेष सावधानी बरती जा रही है। इसी महीने माननीय जिला व सत्र न्यायाधीश श्याम किशोर झा एवं अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आलोक राज ने निरिक्षण भी किया था। और किशोर न्याय परिषद एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रति दिन मॉनीटरिंग की जा रही है।
इस पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक प्रतिदिन माननीय जिला व सत्र और किशोर न्याय परिषद को रोज अद्दतन जानकारी सौंपते हैं।