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    Tuesday, April 23, 2024
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      ‘गुंडा अफसर’ के खिलाफ देखिए विभागीय कृषि मंत्री प्रेम कुमार का प्रेम !

       बिहार में विभागीय अफसरों की पोस्टिंग प्रायः पैरवी-पैसे के बल होती है। यहां विधान सभा तक ‘आरसीपी’ टैक्स पेड अफसरों की चर्चा हो चुकी है। काबिल अफसरों की यहां  कोई पुछ नहीं है और नकारा लोगों का पूरी व्यवस्था पर कब्जा है। आम जन वेवश है और सत्ता शार्ष  पर बैठे हुकुमरान अब फेयर लवली छोड़ सीधे स्कीन लाइट का इस्तेमाल करने में मशगुल हैं

      ✍️ मुकेश भारतीय / एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क 

      crupt criminal officer manoj kumarखबर है कि अररिया सड़क पर सरेआम सिपाही को उठक बैठक कराने बाद पैरों पर माफी मंगवाने के मामले में वहां जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के खिलाफ विभागीय जांच होगी।

      इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने विभाग के उच्च अधिकारियों से जांच कराने का आदेश दिया है।

      मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि इस मामले में ‘प्रथम दृष्टया दोषी’ नजर आ रहे जिला कृषि पदाधिकारी अररिया को शो कॉज नोटिस भेजा जा रहा है।

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      मंत्री ने यह भी कहा है कि अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी ने जिस तरह घटना को अंजाम दिया है। वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विभागीय जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारी के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। पूर्णिया के संयुक्त निदेशक को जांच करने का आदेश दिया है। जांच के बाद कार्रवाई होगी। अधिकारी पर शो कॉज किया गया है।

      हालांकि यह बात किसी से छुपी नहीं है कि अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने खुली गुंडागर्दी दिखाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक एक पुलिस जवान को सड़क पर बेइज्जत किया।

      बेचारा होमगार्ड का कसूर केवल इतना था कि उसने लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी की गाड़ी रोक डाली और ‘गाड़ी किसकी है,’ उसकी जानकारी लेने की कोशिश की।  

      बहारहाल, विभागीय मंत्री ने वहीं सब कहने-करने का प्रयास किया है, जैसा कि अमुमन ऐसे मामलों में अब तक होता आया है। यहां भी मंत्री को शंका है कि उनके दुलारे अफसर ने गुंडागर्दी की या नहीं। विभागीय अफसर ही रिपोर्ट देगा।

      विभागीय कार्रवाई क्या होती है। सब जानते हैं। निलंबन, स्थानान्तरण से अधिक कुछ नहीं।  मंत्री के बयानों में विभागीय प्रेम ही अधिक झलकती है, जो कि वर्तमान सुशासन में जाहिर भी है।

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